कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी और एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस के बीच तालमेल की बात सैद्धांतिक रूप से पक्की हो गई है लेकिन इसके साथ ही विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के जानकार सूत्रों के मुताबिक सीटों के बंटवारे पर बात होनी है। कर्नाटक में भाजपा के सबसे बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा ने भी अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि अगला चुनाव भाजपा और जेडीएस मिल कर लड़ेंगे। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन सा चुनाव लेकिन जाहिर तौर पर वे लोकसभा चुनाव की बात कर रहे थे। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अगर दोनों पार्टियों के बीच तालमेल होता है तो राज्य का पूरा राजनीतिक परिदृश्य बदलेगा। वैसे जब से येदियुरप्पा ने साथ चुनाव की बात कही है तब से कई नेता इसके खिलाफ सक्रिय हो गए हैं।
गठबंधन का विरोध करने वाले नेताओं का कहना है कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में किसी से तालमेल करने की जरूरत नहीं है क्योंकि लोकसभा में वह अकेले दम पर जीत सकती है। पिछली बार उसने 28 में से 25 सीटें जीती थीं और मांड्या सीट से निर्दलीय जीती सुमलता अंबरीश भी बाद में भाजपा के साथ आ गईं। सो, 26 सीटों पर भाजपा जीती है तो वह जेडीएस को कहां से सीट देगी? जेडीएस के असर वाली सीटों में हासन और मांड्या हैं। मांड्या में सुमलता अंबरीश ने एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल को हराया था। उनकी सीट कैसे छोड़ी जा सकती है? यह भी कहा जा रहा है कि तालमेल करने के बाद भी वोक्कालिगा वोटर भाजपा को वोट नहीं देंगे, वे कांग्रेस के साथ चले जाएंगे।