आम आदमी पार्टी के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीपीएम दूसरी पार्टी होगी, जिसको भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाया जाएगा। दिल्ली की शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ साथ उनकी आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है। ईडी का कहना है कि शराब घोटाले से हुई कमाई का इस्तेमाल पार्टी के लिए किया गया। गोवा के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उस पैसे का इस्तेमाल किया। उसी तरह अब केरल में सीपीएम को धन शोधन के एक मामले में आरोपी बनाने की तैयारी है। ईडी ने कहा कि फाइनल आरोपपत्र में वह पार्टी को आरोपी बनाएगी। यह मामला एक कोऑपरेटिव बैंक के लोन फ्रॉड से जुड़ा है।
ईडी ने इस मामले की जांच के क्रम में कथित तौर पर सीपीएम नेताओं के शामिल होने का पता लगाया है। इस सिलसिले में ईडी ने 29 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। यह मामला कनुवन्नूर सर्विस कोऑपरेटिव बैंक में लोन फ्रॉड का है। इस मामले में सीपीएम के कई नेताओं पर आरोप लगे हैं। ईडी का कहना है कि त्रिशूर जिले के सीपीएम सचिव एमएम वर्गीज के नाम से जमीन खरीदी गई है। इतना ही नहीं अलग अलग बैंक खातों में 60 लाख रुपए जमा होने की बात भी कही जा रही है। इस आधार पर एजेंसी ने बिल्कुल आम आदमी पार्टी के मामले की तर्ज पर आरोप लगाया है कि अवैध कमाई का इस्तेमाल पार्टी की गतिविधियों के लिए किया गया है। तभी ईडी ने सीपीएम को भी आरोपी बनाने का दावा किया है। इससे पहले जब से आप को आरोपी बनाया गया है तभी से कानूनी जानकार यह पता लगाने में जुटे हैं कि इसका क्या असर पार्टी के भविष्य पर होगा।