pinarayi vijayan: देश की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम अगले साल अपने इकलौते किले यानी केरल को बचाने का चुनाव लड़ेगी।
अगले साल मई में केरल विधानसभा का चुनाव है, जहां वह लगातार दो बार से चुनाव जीत रही है। नौ साल पहले 2016 में सीपीएम ने जब चुनाव जीता तब तक पार्टी के बुजुर्ग नेता वीएस अच्युतानंदन को किनारे कर दिया गया था।
केरल ईकाई पर प्रकाश करात का संपूर्ण नियंत्रण हो गया था और उन्होंने अपने करीबी पिनरायी विजयन को मुख्यमंत्री बनवाया।
उनकी कमान में पार्टी ने 2021 में लगातार दूसरा चुनाव जीत कर इतिहास बनाया। इस साल मई में वे 80 साल के हो जाएंगे। यानी अगले साल जब चुनाव होंगे तब तक वे 81 साल को होंगे।
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तभी कहा जा रहा है कि सीपीएम किसी अपेक्षाकृत नए चेहरे की तलाश कर रही है। इसकी जरुरत इसलिए भी है क्योंकि 10 साल के शासन में एंटी इन्कम्बैंसी बहुत हो गई है।
पहले हर पांच साल पर सत्ता बदलती थी तो पार्टी को चेहरा बदलने की जरुरत नहीं होती थी। लेकिन अब विजयन लगातार 10 साल रहने के बाद चुनाव में जाएंगे तो मुश्किल हो सकती है।
उनकी बेटी को लेकर अलग विवाद चल रहा है और उनके ऊपर भी कई आरोप लगे हैं। तभी कहा जा रहा है कि पार्टी चुनाव से पहले कोई नया चेहरा आगे कर सकती है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बार शायद विजयन चुनाव भी नहीं लड़ें। पिछले दिनों उनकी सरकार को समर्थन देने वाले विधायक पीवी अनवर ने सरकार से समर्थन वापस लिया और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
उन्होंने विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने ऐलान किया कि वे अगला चुनाव विजयन के खिलाफ लड़ेंगे।
इसी का संदर्भ देते हुए एक कार्यक्रम में विजयन ने कहा कि वे अगला चुनाव लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे यह तय नहीं है।
माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से उनको संकेत दे दिया गया है कि उनके उत्तराधिकारी की तलाश हो रही है। वे भी कोई नाम सुझा सकते हैं।