कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बनाई कार्य समिति पर सोनिया गांधी की स्पष्ट छाप दिख रही है। ऐसा लग रहा है कि सोनिया की कांग्रेस की वापसी हो गई है, जिसमें कुछ नए सदस्य इसलिए जगह पा गए हैं क्योंकि वे राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी हैं और उनके प्रति निष्ठावान हैं। अगर कोई आंख बंद करके सोनिया गांधी की दो दशक पुरानी टीम को याद करे तो ज्यादातर चेहरे खड़गे की टीम में भी दिखाई देंगे। पदेन सदस्यों को छोड़ दें जैसे पूर्व अध्यक्ष सोनिया व राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी तो 39 सदस्यों की मुख्य कमेटी और विशेष आमंत्रित व स्थायी आमंत्रित सदस्यों में लगभग सारे पुराने चेहरे दिखेंगे।
खड़गे की कार्य समिति में ऊपर से नाम पढ़ना शुरू करें तो एके एंटनी का नाम दिखेगा, अंबिका सोनी और दिग्विजय सिंह का नाम दिखेगा, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा का नाम दिखेगा, मीरा कुमार और पी चिदंबरम का नाम दिखेगा, अजय माकन और कुमारी शैलजा का नाम दिखेगा, सलमान खुर्शीद और जयराम रमेश का नाम दिखेगा। वह तो अच्छा हुआ कि खड़गे ने 23 की जगह कार्य समिति में 39 सदस्य बनाए अन्यथा जो थोड़े बहुत नए लोग इसमें दिख रहे हैं उनको जगह नहीं मिल पाती। इसी तरह स्थायी आमंत्रितों की सूची में वही वीरप्पा मोईली, वही हरीश रावत, पवन बंसल, मोहन प्रकाश, बीके हरिप्रसाद, रमेश चेन्निथला, प्रतिभा सिंह, टी सुब्बीरामी रेड्डी आदि मौजूद हैं। वहां भी नए लोगों को इसलिए जगह मिल पाई क्योंकि विशेष आमंत्रित श्रेणी में 32 सदस्यों को रखा गया है। अगर उनकी संख्या कम होती तो नए लोगों को छोड़ना ही पड़ता।