उत्तर प्रदेश में फिर एक राज्यसभा की सीट खाली हुई है और कवि कुमार विश्वास के नाम की चर्चा शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश में जब भी कोई चुनाव या उपचुनाव होता है तो एक रिचुअल की तरह उनके नाम की चर्चा होती है। पिछले दिनों भाजपा के राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे का निधन हो गया। उनके निधन से खाली सीट पर 15 सितंबर को उपचुनाव होना है। उसके लिए कुमार विश्वास के नाम की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी हरिद्वार दुबे की जगह किसी ब्राह्मण को ही भेजना चाहती है। हालांकि प्रदेश कमेटी के कई ब्राह्मण नेता इसके दावेदार हैं। लेकिन अगले साल के लोकसभा चुनाव में भाजपा के कई नेताओं को कुमार विश्वास की उपयोगिता दिख रही है।
परंतु मुश्किल यह है कि वे हर मंच से महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू के गुणगान करते रहते हैं। वे रामकथा कहते हैं, महाभारत की कथा कहते हैं और इसके लिए उनको लाखों-लाख रुपए मिलते हैं। लेकिन उस मंच से वे नेहरू का गुणगान भी करते हैं। सवाल है कि ऐसे में उनको भाजपा की ओर से राज्यसभा की सीट कैसे मिलेगी? भाजपा में तो नेहरू की आलोचना करना तरक्की करने की पहली शर्त हो गई है। बहरहाल, कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी से जुड़े थे और उसके शीर्ष नेताओं में एक थे। वे पार्टी की टिकट पर अमेठी लोकसभा सीट पर राहुल गांधी के खिलाफ लड़े भी थे। बाद में वे आप से अलग हो गए और वहां अरविंद केजरीवाल ने कैसे कैसों को राज्यसभा में भेजा। दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ भी कई लोग उनको रोकने में लगे रहते हैं। सो, कुल मिला कर राजनीतिक कंफ्यूजन की वजह से उनका मामला हर जगह अटकता रहा है।