तेलंगाना के खम्मम में राहुल गांधी की रैली के दो दिन बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तेलंगाना पहुंचे और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात की। राहुल ने अपनी रैली में चंद्रशेखर राव पर बड़ा हमला किया था और बताया कि उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों से कह दिया है कि कांग्रेस किसी ऐसे मंच पर नहीं जाएगी, जहां केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति हो। उन्होंने दो टूक अंदाज में बीआरएस के साथ तालमेल से इनकार किया। इसके बाद अखिलेश यादव ने चंद्रशेखर राव से मुलाकात की। दोनों के बीच क्या बात हुई यह ज्यादा अहम नहीं है। ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि अखिलेश ने कांग्रेस को क्या मैसेज दिया? ध्यान रहे कांग्रेस ने पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक में सपा के साथ मंच साझा किया था और दोनों के बीच तालमेल की संभावना भी जताई जा रही है।
अखिलेश को पता है कि कांग्रेस ने बीआरएस से दूरी बनाई है और दूसरी विपक्षी पार्टियां भी चंद्रशेखर राव से दूरी बना रही हैं। इसके बावजूद उन्होंने राव से मिल कर क्या कांग्रेस से अलग किसी तीसरे मोर्चे की संभावना को हवा दी? ध्यान रहे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल ने कांग्रेस के साथ तालमेल करने की जरूरत बताई है। रालोद के नेता जयंत चौधरी चाहते हैं कि अगला लोकसभा चुनाव सपा, कांग्रेस और रालोद तीनों मिल कर लड़ें। एक तरह से उन्होंने समाजवादी पार्टी पर दबाव दिया है। क्या इस दबाव की वजह से अखिलेश यादव ने कांग्रेस को कोई मैसेज दिया है?
ध्यान रहे अब भी कई पार्टियां ऐसी हैं, जो कांग्रेस के साथ विपक्षी गठबंधन में नहीं शामिल होंगी। आम आदमी पार्टी और भारत राष्ट्र समिति ये दो पार्टियां विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगी। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का भी कांग्रेस और लेफ्ट के साथ तालमेल होने की संभावना नहीं के बराबर है। अखिलेश यादव जिस तरह के तेवर दिखा रहे हैं, उससे ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस वाले विपक्षी मोर्चे से अलग अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव और अखिलेश यादव कोई तीसरा मोर्चा बना सकते हैं। पहले नजर में ऐसा लग रहा है कि इससे भाजपा को फायदा होगा लेकिन इससे भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण की संभावन कम होगी।