कांग्रेस के जानकार नेताओं के मुताबिक उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के साथ कांग्रेस का तालमेल हो जाएगा। उससे पहले प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा की जगह नया प्रभारी नियुक्त हो जाएगा। लेकिन सवाल है कि अमेठी और रायबरेली का क्या होगा? ध्यान रहे उत्तर प्रदेश का प्रभारी कोई भी रहा हो अमेठी और रायबरेली का चुनाव प्रियंका संभालती थीं। सोनिया और राहुल गांधी दोनों को अपने क्षेत्र में ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती थी। वहां सब काम प्रियंका देखती थीं। पिछला चुनाव भी उन्होंने ही लड़ाया था, जिसमें अमेठी से राहुल गांधी हार गए थे। कांग्रेस को पहले ही इसका अंदाजा हो गया था तभी वे केरल की वायनाड सीट से भी लड़े, जहां से जीते थे।
तभी सवाल है कि अगर प्रियंका उत्तर प्रदेश छोड़ रही हैं और राष्ट्रीय राजनीति करेंगी, केंद्रीय टीम में उनको बड़ा पद और बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी तो अमेठी और रायबरेली का चुनाव कौन लड़वाएगा? यह भी सवाल है कि इन सीटों पर कौन लड़ेगा? सोनिया गांधी की सेहत ऐसी नहीं है कि वे फिर से चुनाव लड़ें और राहुल गांधी अपनी सीट से हारे हुए हैं। वे वायनाड से जीते थे लेकिन मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद उनकी सदस्यता समाप्त हो गई है। सोनिया गांधी की रायबरेली सीट से प्रियंका के चुनाव लड़ने की चर्चा है। हो सकता है कि वे चुनाव लड़ें लेकिन क्या अमेठी सीट से फिर राहुल गांधी लड़ेंगे? भाजपा पहले कांग्रेस को मां-बेटे की पार्टी कहती थी और अब भाई-बहन की पार्टी कहने लगी है। अगर दोनों अगल बगल की सीट से चुनाव लड़ते हैं तो यह प्रचार तेज होगा। हालांकि इससे कांग्रेस को कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। असली मुद्दा यह है कि क्या कांग्रेस इस भरोसे में है कि राहुल अमेठी से लड़ेंगे तो जीत जाएंगे? सो, कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद के साथ तालमेल के साथ साथ दो बातें और तय करनी है कि अमेठी और रायबरेली से कौन लड़ेगा और दूसरा, इन सीटों पर कौन चुनाव लड़वाएगा? प्रभारी चाहे कोई बने इन सीटों का मामला अलग होता है।