अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस बार महाकुंभ के दौरान करोड़ों लोगों को मुफ्त में ट्रेन यात्रा की सुविधा मिल सकती है। करीब डेढ़ महीने चलने वाला महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से शुरू हो गया है और 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान करीब 45 करोड़ लोगों के महाकुंभ में पहुंचने की उम्मीद है। भारतीय रेल ने अपनी अक्षमता जाहिर करते हुए कहा है कि वह सामान्य बोगियों में सबके लिए टिकट काटने की व्यवस्था नहीं कर सकती है।
रेलवे का कहना है कि महाकुंभ आने की टिकट तो कट जाएगी क्योंकि वह अलग अलग जगहों पर अलग अलग समय पर कटेगी लेकिन कुंभ से लौटते समय तो हर दिन कम से कम पांच लाख लोग सामान्य बोगियों से लौटेंगे। उनके लिए टिकट की व्यवस्था संभव नहीं है और उनकी चेकिंग करने की व्यवस्था भी मुमकिन नहीं है।
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यानी भारत सरकार हिंदुत्व की आस्था में कष्ट उठा कर कुंभ स्नान के लिए पहुंचने वाले हिंदू श्रद्धालुओं को एक तरफ से मुफ्त यात्रा तो कराएगी लेकिन इसलिए नहीं कि केंद्र व उत्तर प्रदेश में हिंदू हृदय सम्राट गद्दी पर बैठे हैं, बल्कि इसलिए कराएगी क्योंकि रेलवे उनकी टिकट काटने में अक्षम है! हालांकि इससे पहले कभी भी रेलवे को ऐसी व्यवस्था करने की जरुरत नहीं पड़ी है।
हर 12 साल पर प्रयागराज में महाकुंभ होता है और देश भर में अलग अलग पवित्र शहरों में कुंभ और अर्धकुंभ के मेले लगते रहते हैं। बहरहाल, कहा जा रहा है कि प्रयागराज से दो सौ ढाई सौ किलोमीटर दूर जाने वालों को मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। अगर उससे दूर यात्रा करने वाले बिना टिकट बैठ जाते हैं तो वे ट्रेन में टीटीई से टिकट ले सकेंगे। उनको बताना होगा कि वे कुंभ के मेले से लौट रहे हैं।