महाकुंभ में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एकजुटता का प्रदर्शन किया। सारे 54 मंत्री इकट्ठा हुए। सबने एक साथ कुंभ में डुबकी लगाई और उसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई बड़े फैसले हुए। बाद में मीडिया को बताने के लिए जब योगी आदित्यनाथ ने माइक संभाला तो उन्होंने तीनों सहयोगी पार्टियों के नेताओं को नाम लेकर आगे बुलाया। गौरतलब है कि अब तक सरकार के अंदर खटपट की बहुत सी खबरें आ रही थीं। कहा जा रहा था कि योगी के दोनों उप मुख्यमंत्री दूरी बनाए हुए हैं। कम से कम एक उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को लेकर तो कई तरह की कहानियां चर्चा में थी। ऐसे ही पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति और राज्य सरकार के मंत्री आशीष पटेल को लेकर खूब चर्चा थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राज्य की एसटीएफ को चुनौती दी थी कि वह उनको गोली मार दे। उन्होंने एसटीएफ से जान को खतरा भी बताया था। बाद में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने पति के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना समर्थन जताया था। वे पहले योगी सरकार की आरक्षण नीति को लेकर भी सवाल उठा चुकी हैं।
लेकिन ऐसा लग रहा है कि योगी ने सब कुछ ठीक किया है। बुधवार को महाकुंभ में कैबिनेट बैठक के बाद दोनों उप मुख्यमंत्री उनके अगल बगल खड़े थे। फिर पीछे से उन्होंने आवाज लगा कर आशीष पटेल को भी आगे बुलाया। संजय निषाद को उन्होंने निषादराज कह कर संबोधित किया तो ओमप्रकाश राजभर को भी आगे बुलाया। मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ समीकरण बेहतर होने का संदेश दिया तो साथ ही सहयोगी पार्टियों के साथ भी सब कुछ ठीक होने का मैसेज बनवाया। पिछले दिनों एक नया विवाद जाट नेता संजीव बालियान को लेकर हो गया था। उनकी सुरक्षा वापस हो गई थी, जिससे वे काफी नाराज थे। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी और चिट्ठी लिखे जाने के दूसरे ही दिन उनकी सुरक्षा बहाल हो गई। सो, ऐसा लग रहा है कि योगी आदित्यनाथ तमाम छोटे मोटे विवादों को सुलझाने और सरकार व पार्टी के सर्वमान्य नेता होने की अपनी छवि को मजबूत कर रहे हैं।