महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जब शिव सेना के ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का दावा करने के बाद गतिरोध पैदा हुआ और वैकल्पिक सरकार बनाने की कोशिश चालू हुई तो भाजपा और एनसीपी के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें देश के नंबर एक अमीर कारोबारी गौतम अडानी भी शामिल हुए थे। अजित पवार ने कहा है कि बैठक में शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फड़नवीस मौजूद थे। खुद अजित पवार और गौतम अडानी भी इसमें शामिल हुए। उनका कहना है कि इसके बाद ही उन्होंने अपने चाचा शरद पवार के कहने पर भाजपा के साथ सरकार बनाई।
अजित पवार के हिसाब से एक दिन तड़के राज्यपाल ने देवेंद्र फड़नवीस और उनको शपथ दिलाई थी वह शरद पवार का खेल था। लेकिन बाद में शरद पवार पीछे हट गए तो अजित पवार को भी 80 घंटे के अंदर वापस लौटना पड़ा। हालांकि एनसीपी इसे खारिज कर रही है। लेकिन अगर उनकी बात को सही मानें तो इस बार चुनाव के बाद सरकार बनाने में गौतम अडानी ज्यादा बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश करेंगे। उनकी कोशिश होगी कि किसी तरह से कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की सरकार नहीं बने। क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी उनके पीछे पड़े हैं और उद्धव ठाकरे ने तो कहा हुआ है कि सरकार बनी तो अडानी समूह को धारावी के रिडेवलपमेंट का जो प्रोजेक्ट दिया गया है वह छीन लेंगे। उनको दी गई जमीनें भी वापस ले ली जाएंगी। वे तो किसी तरह से इसे रूकवाने के लिए प्रयास करेंगे।