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अजित पवार खेमा है उधेडबुन में

महाराष्ट्र की राजनीति में अंदरखाने क्या चल रहा है, वह किसी को पता नहीं है। शिव सेना के टूटने के बाद शरद पवार की एनसीपी क्यों टूटी, यह किसी को अंदाजा नहीं है। वह टूट सचमुच की है या दिखावा है यह भी किसी को अंदाजा नहीं है। उसके बाद एक हफ्ते के भीतर अजित पवार तीन बार क्यों शरद पवार से मिले यह भी कोई नहीं जानता हैं। इस बीच 18 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार की मुलाकात हुई। चारों नेता एक साथ मिले और इस मुलाकात के बाद अजित पवार महाराष्ट्र लौटे तो उनकी पहली मुलाकात उद्धव ठाकरे से हुई।

क्या यह संयोग है कि अजित पवार महा विकास अघाड़ी के दोनों घटक दलों के नेताओं से मिल रहे हैं? पहले वे शरद पवार की बीमार पत्नी को देखने घर गए थे। उसके बाद लगातार दो दिन वाईवी चव्हाण सेंटर में पहले दिन नौ और दूसरे दिन 15 विधायकों के साथ शरद पवार से मिले। फिर दिल्ली से लौटने के बाद विधानसभा भवन में उद्धव ठाकरे से मिले। उद्धव विधान परिषद की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे और उसके बाद अजित पवार के पास जाकर उनसे मिले। दोनों पार्टियों ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया। लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह संयोग नहीं था कि अजित पवार दिल्ली से लौटे और उसी दिन उद्धव विधान परिषद की बैठक में पहुंचे और फिर दोनों की मुलाकात हुई।

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