क्या भारतीय जनता पार्टी एनसीपी नेता अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाएगी? यह लाख टके का सवाल है, जिसका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास होगा। लेकिन जिस तरह के घटनाक्रम चल रहा है उसे देखते हुए लग रहा है कि जल्दी ही उनकी ताजपोशी हो सकती है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली में थे तो वे प्रधानमंत्री से मिलने गए थे। वे अपने साथ पूरे परिवार को लेकर गए थे। बाद में वे अमित शाह से भी मिले। भाजपा के नेता जानना चाह रहे हैं कि वे किस मकसद से दिल्ली में थे और परिवार को साथ लेकर प्रधानमंत्री से मिलने का क्या मकसद था? यह सवाल भी उठा है कि, जिस समय महाराष्ट्र के रायगढ़ में भीषण भूस्खलन हुआ और 27 लोगों की मौत हो गई, 50 से ज्यादा लोग लापता हो गए, उस समय मुख्यमंत्री दिल्ली में क्या कर रहे थे?
बहरहाल, मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा को लग गया है कि वे शिव सैनिकों के वोट नहीं दिला सकते हैं। यानी जरिए उद्धव ठाकरे को कमजोर करने का अभियान सफल नहीं हुआ है। उसी तरह अजित पवार के जरिए एनसीपी का पूरा मराठा वोट हासिल करने और शरद पवार को कमजोर करने का अभियान कामयाब नहीं होगा, अगर उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है। ध्यान रहे शिंदे के पास अपना कोई वोट नहीं था। लेकिन अजित पवार के पास मराठा वोट है। अगर उनको मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो सत्ता की चाह में मराठा वोट शरद पवार को छोड़ कर अजित पवार के साथ जा सकता है। इस सोच में भाजपा उनको तरजीह दे रही है। दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों एक साथ उनसे मिले। उनको अपनी पसंद का वित्त मंत्रालय मिला हुआ है और कहा जा रहा है कि जल्दी ही उनके कुछ और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।