चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का ऐलान कर दिया। पहले चरण में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले चरण के 12 राज्यों में महाराष्ट्र नहीं है। चुनाव आयोग ने बहुत साफ शब्दों में पहले ही कहा था कि जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं वहां एसआईआर की प्रक्रिया अभी नहीं शुरू होगी क्योंकि वहां के स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त होंगे। चुनाव आयोग को पता है कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव एक निश्चित समय के अंदर कराने का आदेश दिया है। इसलिए उसने महाराष्ट्र में एसआईआर को आगे के चरण के लिए टाल दिया।
लेकिन राज्य की तमाम विपक्षी पार्टियां यानी महाविकास अघाड़ी के घटक दल इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि मतदाता सूची में सुधार किए बगैर चुनाव नहीं होना चाहिए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर मतदाता सूची में सुधार के बगैर चुनाव होता है तो महाविकास अघाड़ी इसका विरोध करेगा। उन्होंने इस मसले पर सभी विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाने और साझा रणनीति बनाने का भी ऐलान किया है। ध्यान रहे शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस के नेता भी पहले कह चुके हैं कि मतदाता सूची में बहुत गड़बड़ी है और इसमें सुधार के बगैर चुनाव नहीं होना चाहिए। कांग्रेस विधानसभा चुनाव के बाद से ही फर्जी वोट की शिकायत करती आ रही है। तभी माना जा रहा है कि चुनाव रोकने के लिए विपक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने से लेकर चुनाव बहिष्कार तक के विकल्प पर विचार कर रहा है।
