भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे का भाजपा में अलगाव बढ़ता जा रहा है। वे पिछले काफी समय से पार्टी में अलग थलग हैं और उनकी राजनीति को लेकर पार्टी सहमत नहीं है। सक्रिय राजनीति में उनकी शुरुआत विधायक और मंत्री बनने के साथ हुई थी। लेकिन 2019 में विधानसभा का चुनाव हारने के बाद से ही पार्टी में उनको किनारे किया जाने लगा। वे चाहती थीं कि पार्टी उनको विधान परिषद में भेजे लेकिन वह भी नहीं हुआ। उनको पार्टी की केंद्रीय टीम में जिम्मेदारी मिली है लेकिन वे उस जिम्मेदारी से ज्यादा अपने क्षेत्र में और महाराष्ट्र में काम करने की इच्छुक हैं।
तभी उन्होंने महाराष्ट्र में शिव शक्ति यात्रा निकालने का ऐलान किया। हालांकि उनकी इस यात्रा को पार्टी के नेताओं ने एक तरह से अनुशासनहीनता माना। बताया जा रहा है कि उनको यात्रा निकालने से रोकने की कोशिश भी हुई लेकिन वे तैयार नहीं हुईं। उसके बाद ही उनके परिवार के स्वामित्व वाली सहकारी बैद्यनाथ सुगर फैक्टरी पर जीएसटी का छापा पड़ गया। जीएसटी की केंद्रीय टीम ने उनकी कंपनी के ऊपर 19 करोड़ रुपए का बकाया बताया है। बताया जा रहा है कि छापा मारने के बाद जीएसटी की टीम ने वहां मौजूद करीब 19 करोड़ रुपए का सामान जब्त कर लिया। तभी अब सवाल है कि पंकजा मुंडे अब क्या करेंगी? उनकी एक दिक्कत यह भी है कि भाजपा ने एनसीपी के अजित पवार खेमे को अपने साथ मिला लिया है और उनको हराने वाले धनंजय मुंडे उसी खेमे में हैं। वे राज्य की शिव सेना, भाजपा, एनसीपी सरकार में मंत्री भी बन गए हैं। सो, पंकजा मुंडे को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने लिए कोई रास्ता बनाना होगा।