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राज ठाकरे भी भाजपा के साथ जाएंगे

अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 370 और एनडीए को चार सौ सीट का जो लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय किया है उसके लिए भाजपा कुछ भी करने को तैयार है। अलग अलग राज्यों में छोटी छोटी पार्टियों को भाजपा के साथ जोड़ा जा रहा है तो विपक्षी पार्टियों के छोटे बड़े नेताओं को थोक के भाव तोड़ कर पार्टी में शामिल कराया जा रहा है। पार्टी का काडर और नेता भी हैरान परेशान हैं लेकिन भाजपा के शीष नेतृत्व को इसकी परवाह नहीं है। उसे किसी तरह से चार सौ सीट का लक्ष्य प्राप्त करना है। हालांकि यह बहुत मुश्किल लक्ष्य है फिर भी भाजपा कोशिश में कोई कमी नहीं छोड़ रही है।

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यह कोशिश तभी कामयाब होगी, जब भाजपा को महाराष्ट्र में पिछली बार की तरह 23 और एनडीए को 41 सीटें मिलें। पिछली बार शिव सेना उसके साथ थी, जिसने विधानसभा चुनाव के बाद पाला बदल कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बना ली थी। उसकी भरपाई करने के लिए भाजपा कई तरह के उपाय कर रही है। एकनाथ शिंदे की मदद करके भाजपा ने शिवसेना में टूट कराई और फिर शिंदे को न सिर्फ सीएम बनाया, बल्कि चुनाव आयोग ने उनके खेमे को असली शिव सेना माना। यही कहानी एनसीपी के साथ दोहराई गई। लेकिन शिंदे और अजित पवार के बावजूद भाजपा को लग रहा है कि कहीं कुछ मिसिंग है। तभी वह राज ठाकरे को साथ लाने की कोशिश कर रही है। उसको लग रहा है कि हिंदुत्व का वोट और पुराने शिव सैनिकों का समर्थन अब भी उद्धव ठाकरे के साथ है। अगर राज ठाकरे भाजपा के साथ हो जाते हैं तो उसका एक हिस्सा भाजपा से जुड़ सकता है। तभ उनसे तालमेल की कोशिश की जा रही है। भाजपा उन्हें उनकी पसंद की सीटें देने को भी तैयार बताई जा रही है।

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