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राज्यसभा की सीट पर असर नहीं

युवा

महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने के बाद इस बात की चर्चा हो रही है कि राज्य में कांग्रेस को मिलने वाली राज्यसभा की एक सीट संकट में पड़ सकती है। असल में महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटें खाली हो रही हैं, जिनमें 104 विधायकों वाली भाजपा को तीन सीटें मिलेंगी। शिव सेना का दावा है कि उसके 39 विधायक हैं तो एक सीट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास जाएगी और 41 विधायकों वाले अजित पवार यानी असली एनसीपी को एक सीट जाएगी। कांग्रेस के 43 विधायक हैं। इसलिए छठी सीट कांग्रेस को मिलेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि अशोक चव्हाण के जाने के बाद उनके साथ कई विधायक चले जाएंगे, जिससे कांग्रेस की एक सीट जीतने की उम्मीद खत्म हो जाएगी।

लेकिन असल में ऐसा नहीं है। पहला सवाल तो यही है कि क्या कांग्रेस के विधायक टूटेंगे या कुछ पूर्व विधायक आदि जाएंगे? ध्यान रहे 288 सदस्यों वाली विधानसभा में राज्यसभा की छह सीटों का मतलब है कि एक सीट जीतने के लिए 43 वोट की जरुरत होगी। इसका मतलब है कि भाजपा को तीसरी सीट जीतने के लिए 25 अतिरिक्त वोट की जरुरत होगी। शिवसेना को छह और एनसीपी को चार अतिरिक्त वोट की जरुरत होगी। पांच सीट का मतलब है कि 215 वोट, जबकि सत्तापक्ष के पास सभी छोटी पार्टियों और निर्दलियों को मिला कर कुल 206 विधायक हैं। यानी तीनों पार्टियों को दूसरी ओर सेंधमारी करके पांचवीं सीट के लिए वोट का जुगाड़ करना होगा। दूसरी ओर कांग्रेस के 43 विधायकों के साथ साथ शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के 17 और एनसीपी के शरद पवार गुट के 12 विधायक हैं। कुछ छोटी पार्टियों के साथ विपक्ष के पास 78 विधायक हैं। यानी विपक्ष का एक उम्मीदवार तो आसानी से जीतेगा अगर विपक्ष दूसरा उम्मीदवार उतार दे सत्तापक्ष को पांचवीं सीट के लिए बहुत पसीना बहाना होगा।

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