एनसीपी नेता शरद पवार लगातार भाजपा और उसकी महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वे पार्टी छोड़ कर गए अपने भतीजे को भी निशाना बना रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा है कि अगर अजित पवार ने उनकी फोटो का इस्तेमाल बंद नहीं किया तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। शरद पवार ने यह भी कहा है कि अजित पवार के साथ जो लोग एनसीपी छोड़ कर गए हैं वे ईडी की कार्रवाई के डर से उधर गए हैं। इसके बावजूद भाजपा, शिव सेना और एनसीपी के अजित पवार गुट की ओर से शरद पवार को कुछ नहीं कहा जा रहा है। उलटे यह कहा जा रहा है कि एक दिन शरद पवार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महानता स्वीकार करेंगे और भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल होंगे।
सवाल है कि भाजपा ने शरद पवार के प्रति इस तरह का सद्भाव दिखाने का रवैया क्यों अख्तियार किया है? जानकार सूत्रों के मुताबिक भाजपा किसी हाल में कुछ मराठा वोट अपनी ओर करने का प्रयास कर रही है। इसी मकसद से अजित पवार को गठबंधन में शामिल कराया गया है लेकिन अजित पवार भी तभी कारगर होंगे, जब उनको मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। दूसरा तरीका यह है कि शरद पवार भी भाजपा के साथ आ जाएं। बहरहाल, किसी भी स्थिति में भाजपा को पता है कि शरद पवार पर हमला करके मराठा वोट नहीं लिया जा सकता है। इसलिए एक तरफ अजित पवार से कहा गया है कि वे अपने चाचा को समझाने का प्रयास करें और दूसरी ओर अपनी पार्टी के नेताओं से कहा गया है कि वे पवार सीनियर के प्रति सद्भाव दिखाते रहें।