nayaindia Maharashtra Politics उद्धव और कांग्रेस का संदेह वाजिब
Politics

उद्धव और कांग्रेस का संदेह वाजिब

ByNI Political,
Share

शरद पवार की ओर से कहा गया है कि वे भाजपा के साथ नहीं जाने वाले हैं। कांग्रेस के एक नेता के हवाले यह खबर भी आई है कि अजित पवार ने 12 अगस्त वाली मीटिंग में शरद पवार के सामने केंद्र में मंत्री बनने का प्रस्ताव रखा था, जिसे शरद पवार ने ठुकरा दिया और कहा कि वे भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी और शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट में पवार सीनियर को लेकर संदेह बना हुआ है। उनको लग रहा है कि एनसीपी में हुई टूट नॉर्मल विभाजन नहीं है, बल्कि उसके पीछे कोई खेल है। वह खेल शरद पवार का हो सकता है। हालांकि इस बारे में कोई आश्वस्त नहीं है कि उन्होंने यह खेल भाजपा के साथ मिल कर रचा है या अंत में भाजपा को फिर पहले की तरह धोखा मिलेगा और अजित पावर वापस लौट आएंगे? इसका पता अभी नहीं लगेगा। क्योंकि अगर शरद पवार ने कोई खेल रचा है तो उसकी परतें इतनी आसानी से और इतनी जल्दी नहीं खुलेंगी।

बहरहाल, पवार का खेल चाहे जो लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और उद्धव ठाकरे एक प्लान बी पर भी काम कर रहे हैं। दोनों पार्टियां इस स्थिति के लिए भी तैयार हैं कि अगर पूरी एनसीपी भाजपा के साथ चली जाती है और शिव सेना का एकनाथ शिंदे गुट, भाजपा व एनसीपी मिल कर लड़ते हैं तो कांग्रेस और शिव सेना का उद्धव ठाकरे गुट गठबंधन करके लड़े। अजित पवार से शरद पवार की मुलाकात की बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात में वैकल्पिक योजना बना कर रखने के बारे में चर्चा हुई। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस में नाना पटोले की जगह कोई नया अध्यक्ष बनाने की मामला भी इसी वजह से अटका है क्योंकि शरद पवार के बारे में पार्टी बहुत आश्वस्त नहीं है। वह इस बात का आकलन कर रही है कि पिछड़ी जाति का अध्यक्ष रखना ठीक होगा या अशोक चव्हाण के रूप में मराठा अध्यक्ष बनाया जाए।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें