राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

शिव सेना की सीटों पर उद्धव, शिंदे दोनों का दावा

महाराष्ट्र में अनोखी स्थिति बन गई है। पिछले लोकसभा चुनाव में शिव सेना ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था और राज्य की 48 में से 22 सीटों पर शिव सेना लड़ी थी, जिसमें से 18 सीटों पर वह जीती। अब शिव सेना दो पार्टियों में बंट गई है। एक शिव सेना और दूसरी उद्धव ठाकरे गुट की शिव सेना। दोनों अलग अलग गठबंधन में हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने असली शिव सेना माना है और वह भाजपा के साथ है। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट कांग्रेस और एनसीपी के साथ महा विकास अघाड़ी में है। अपने अपने गठबंधन में दोनों पार्टियों का दावा है कि उनको 22 सीटे चाहिए।

शिंदे गुट ने भाजपा पर दबाव बनाया है कि पिछली बार शिव सेना जिन 22 सीटों पर लड़ी थी वह उसको मिले। दूसरी ओर सीट बंटवारे की शुरुआती बातचीत में उद्धव ठाकरे गुट ने भी उन 22 सीटों पर दावा किया है, जिन पर पिछली बार शिव सेना लड़ी थी। पिछली बार उन 22 सीटों पर कांग्रेस और एनसीपी भी लड़े थे। इसलिए उद्धव ठाकरे गुट के साथ उन सीटों का बंटवारा आसान नहीं होने वाला है। दूसरे महाविकास अघाड़ी में दो की बताय तीन बड़ी पार्टियां हैं इसलिए संभव ही नहीं है कि ठाकरे गुट को 22 सीट मिल पाए। उधर भाजपा को शिंदे गुट की हैसियत का अंदाजा है इसलिए वह भी 14 सीट से ज्यादा उसके देने को राजी नहीं है। उस गठबंधन में ठाणे और कल्याण सीट का अलग झगड़ा है। दोनों सीटों पर भाजपा लड़ना चाहती है, जबकि ठाणे से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे सांसद हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *