Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

महा विकास अघाड़ी में भी मुश्किल

महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में भी टिकटों का बंटवारा आसान नहीं होने वाला है। पिछली बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी एक साथ लड़े थे। कांग्रेस 25 और एनसीपी 19 सीटों पर लड़ी थी। चार सीटें दूसरी सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी गई थीं। उस चुनाव में उद्धव ठाकरे की पार्टी भाजपा के साथ थी और 23 सीटों पर लड़ी थी। अब उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन में हैं और उन्होंने वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ तालमेल कर लिया है। उनकी पार्टी 22 से 23 सीट पर लड़ने का दावा कर रही है। यह किसी भी स्थिति में संभव नहीं होने वाला है। कांग्रेस का भले एक सांसद है लेकिन वह ज्यादा सीट लड़ने की मांग करेगी क्योंकि अब विधानसभा में वह मुख्य विपक्षी पार्टी हो गई है। तमाम अटकलों के बावजूद कांग्रेस नहीं टूटी, जबकि शिव सेना और एनसीपी दोनों में विभाजन हो गया।

जानकार सूत्रों का कहना है कि शिव सेना पिछली बार जीती अपनी 18 सीटों की मांग कर सकता है। लेकिन वह संभव नहीं होगा। अंततः तीनों पार्टियों के बीच बराबर सीटों का बंटवारा होगा और पार्टियों के बीच कुछ सीटों की अदला-बदली होगी। इसी तरह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 38 सीटें दूसरी पार्टियों के लिए छोड़ी थी। दूसरी ओर भाजपा गठबंधन में शिव सेना 124 सीटों पर लड़ी थी। अब तीनों पार्टियां अपनी अपनी दावेदारी कर रही हैं। बताया जा रहा है कि प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी चूंकि उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ है इसलिए उनको ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। लोकसभा चुनाव में उसको सात फीसदी के करीब और विधानसभा में साढ़े चार फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। हालांकि कांग्रेस अपने को लीड अपोजिशन बता कर ज्यादा सीट की मांग कर रही है। दोनों सहयोगी पार्टियों के रुख को देखते हुए अभी कांग्रेस सीट बंटवारे पर बातचीत से बच रही है।

Exit mobile version