कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर होने वाले समारोह में हिस्सा लेने नहीं गए। उसके बाद शाम में वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से आयोजित चाय पार्टी में भी हिस्सा लेने नहीं गए। इसके लिए कांग्रेस की ओर से आधिकारिक रूप से कई कारण बताए गए हैं। पहला कारण तो यह बताया गया है कि खड़गे को कांग्रेस मुख्यालय में झंडा फहराना था और चूंकि प्रधानमंत्री की सुरक्षा इतनी सख्त थी कि वे लाल किला जाकर और वापस लौट कर समय से कांग्रेस मुख्यालय में झंडा नहीं फहरा पाते। बाद में जब वे राष्ट्रपति की चाय पार्टी में भी नहीं गए तो कहा गया कि उनकी तबियत ठीक नहीं थी।
कांग्रेस की ओर से बताए गए इन दो कारणों के अलावा एक तीसरा कारण भी है और वही असली कारण है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने जान बूझकर लाल किला पर झंडारोहण कार्यक्रम में नहीं जाने का फैसला किया। कांग्रेस के एक जानकार नेता का कहना है कि पार्टी को पता था कि भले भाषण लाल किले पर होगा और कार्यक्रम सरकारी है लेकिन प्रधानमंत्री विपक्षी पार्टियों और खास कर कांग्रेस को जरूर निशाना बनाएंगे। इसलिए वहां जाकर सामने बैठ कर अपनी आलोचना सुनने की कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रम का भेद खत्म कर दिया है। इसलिए कांग्रेस को सरकारी कार्यक्रमों से भी दूरी रखनी होगी। राष्ट्रपति की चाय पार्टी में नहीं जाने का ऐसा कोई कारण नहीं था लेकिन चूंकि खड़गे लाल किले के समारोह में नहीं गए थे इसलिए खराब सेहत के हवाले राष्ट्रपति की चाय पार्टी भी छोड़ दी।