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ऐसे सुलझेगा मणिपुर और मिजोरम का मामला!

Manipur and Mizoram issueImage Source: ANI

पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा और मिजोरम के रास्ते मणिपुर में हो रही घुसपैठ या उग्रवादी गतिविधियों को काबू करने का केंद्र सरकार ने यह उपाय निकाला है कि एक जगह केंद्रीय गृह सचिव रहे अधिकारी को और दूसरी जगह सेना प्रमुख रहे व्यक्ति को राज्यपाल बना दिया जाए। सो, समस्या के समाधान की इस योजना के तहत मणिपुर में अजय कुमार भल्ला को और मिजोरम में जनरल वीके सिंह को राज्यपाल बना दिया गया है। सेना प्रमुख से रिटायर होने के बाद जनरल वीके सिंह सांसद बने और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। कुछ समय पहले केंद्रीय गृह सचिव से रिटायर हुए अजय कुमार भल्ला किसी नई नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे।

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सवाल है कि एक रिटायर अधिकारी को मणिपुर का राज्यपाल और एक रिटायर सेना प्रमुख को मिजोरम का राज्यपाल बनाने से समस्या सुलझ जाएगी? इससे लग रहा है कि केंद्र सरकार मणिपुर और मिजोरम को कानून व्यवस्था की समस्या के तौर पर देख रही है, जबकि यह जातीय, नस्ली और सांस्कृतिक मामला है, जिसे सामाजिक, राजनीतिक समस्या मान कर सुलझाना होगा। मणिपुर के शासन में मैती वर्चस्व और कुकी समुदाय को अलग थलग किए जाने से अंदर अंदर मामला उबल रहा था, जो मई 2023 में आरक्षण के मसले पर फूट पड़ा। वहां मैती और कुकी के अविश्वास को दूर करना बड़ी जिम्मेदारी है। इसी तरह मिजोरम की बड़ी आबादी का लगाव अगर मणिपुर के अल्पसंख्यक यानी कुकी जो समुदाय के प्रति है तो वह भी सामाजिक या राजनीतिक मसला है। वहां समझदार राजनीतिक नेतृत्व के जरिए सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर मामले को सुलझाने की जरुरत है।

By NI Political Desk

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