Biren Singh: भारतीय जनता पार्टी का महा शक्तिशाली केंद्रीय नेतृत्व मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का कुछ नहीं बिगाड़ सका। उनका इस्तीफा लेने या उनको हटाने की तमाम कोशिशें नाकाम हो गईं और अंत में उनकी माफी से काम चलाना पड़ा है।
अब यह तय हो गया है कि मणिपुर में हिंसा थमे या चलती रहे लेकिन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अपनी ताकत दिखा दी है।
उन्होंने दो टूक मैसेज करा दिया कि अगर उनको हटाया जाता है तो भाजपा की सरकार गिर जाएगी।
बताया जा रहा है कि बीरेन सिंह को हटाने के अभियान में शामिल लोगों ने जैसे तैसे 19 विधायकों का समर्थन जुटाया था लेकिन उनमें से भी कई विधायक वापस बीरेन सिंह के खेमे में लौट गए।
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असल में बीरेन सिंह ने बहुसंख्यक मैती समुदाय की अस्तित्व का मामला बना कर उसके साथ अपने को जोड़ दिया।
उन्होंने यह मैसेज बनवा दिया कि कुकी समुदाय और उससे जुड़े उग्रवादी समूहों को बाहरी मदद मिल रही है और ऐसे में बहुसंख्यक मैती समुदाय की रक्षा वे ही कर सकते हैं।
तभी तमाम मैती विधायक और कुछ नगा विधायक भी उनके समर्थन में आ गए। उनके खिलाफ चला अभियान टांय टांय फिस्स हो गया। उसके बाद यह रास्ता निकाला गया कि वे माफी मांग लें।
असल में केंद्र सरकार ने पूर्व केंद्रीय सचिव अजय कुमार भल्ला को राज्य में नया राज्यपाल बना कर भेजा है और दूसरी ओर सेना ने सख्ती बढ़ाई है।
इससे उग्रवादियों की गतिविधियों में कमी आई है। तभी बीरेन सिंह की माफी से काम चला लिया गया है।