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सिसोदिया को जमानत मिल गई तो क्या होगा?

दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत का मामला अंतिम मुकाम पर है। निचली अदालत और हाई कोर्ट से खारिज होने के बाद उनकी जमानत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। सर्वोच्च न्यायालय ने 10 जुलाई को उनके मामले पर सुनवाई की और सीबीआई व ईडी दोनों को नोटिस जारी किया है। ध्यान रहे सिसोदिया को दोनों एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था और दोनों से जुड़े मामलों की जमानत याचिकाओं पर अब तक अलग अलग सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट दोनों मामलों को सुन रही है। अगली सुनवाई 28 जुलाई को होने वाली है। अब लाख टके का सवाल है कि अगर 28 जुलाई को दोनों मामलों में सिसोदिया को जमानत मिल जाती है तो क्या होगा?

क्या मनीष सिसोदिया की दिल्ली के उप मुख्यमंत्री पद पर वापसी होगी? अगर उनकी वापसी होती है तो किसको कुर्बानी देनी होगी? यह लगभग तय है कि सत्येंद्र जैन की सरकार में वापसी नहीं होने वाली है। उनकी सेहत ठीक नहीं है और उनको नियमित जमानत भी नहीं मिली है। दूसरे, उनके कामकाज का इतना ढिंढोरा भी नहीं पिटा गया है, जितना सिसोदिया के काम का पीटा गया है। इसलिए उनके सरकार में लौटने की संभावना है। लेकिन यह अरविंद केजरीवाल पर निर्भर है कि वे उनको सरकार में लेते हैं या नहीं। उनकी जगह मंत्री बनीं आतिशी अच्छा काम कर रही हैं और मीडिया में नाम भी अच्छा हो रहा है। दूसरे केजरीवाल सरकार की वे अकेली महिला मंत्री हैं और सिसोदिया की जाति से ही हैं।

सो, उनसे सब तरह का समीकरण सध रहा है। दूसरे मंत्री सौरभ भारद्वाज हैं, जिनको सत्येंद्र जैन की जगह रखा गया है। वे केजरीवाल की पहली सरकार में मंत्री थे और इकलौते ब्राह्मण मंत्री हैं। उनको हटा कर आतिशी को बनाए रखने से सामाजिक समीकरण बिगड़ेगा। तभी कहा जा रहा है कि केजरीवाल अभी कुछ समय तक सिसोदिया को सरकार से बाहर रख सकते हैं। उनको अगर जमानत मिलती है तो उसका एक बड़ा आधार उनकी पत्नी की बीमारी होगी। इसलिए कहा जा सकता है कि वे कुछ समय बीमार पत्नी को समय देना चाहते हैं। इस आधार पर उनको सरकार से बाहर रखा जा सकता है। इसके अलावा एक संभावना अगले साल जनवरी में उनको राज्यसभा भेजने की भी है।

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