लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं एक बार फिर इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि उत्तरी दिल्ली के सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी बिहार जाकर चुनाव लड़ेंगे। पिछले चुनाव के समय भी इसकी चर्चा हुई थी लेकिन अंत में तिवारी दिल्ली से लड़े। वे लगातार दूसरी बार जीत कर सांसद बने हैं। वे बिहार के बक्सर के रहने वाले हैं और पहले समाजवादी पार्टी की टिकट पर गोरखपुर लोकसभा सीट से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी चुनाव लड़े थे। उसके बाद ही वे भाजपा में शामिल हुए। पिछले दिनों वे बिहार में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को हवाईअड्डे से अपनी गाड़ी में बैठा कर खुद ड्राइव करते हुए वे कार्यक्रम की जगह तक ले गए थे।
उसके बाद ही इस बात की चर्चा तेज हुई कि वे बिहार से चुनाव लड़ सकते हैं। उनकी पसंद की सीट बक्सर है, जहां से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सांसद हैं वे अपने बेटे अर्जित शाश्वत के लिए टिकट चाह रहे हैं। तिवारी को बिहार भेजने से दो सीटों की समीकरण नए सिरे से बनाना होगा। दिल्ली में भी भाजपा को एक नया प्रवासी उम्मीदवार खोजना होगा। पूर्वांचल के चेहरे के तौर पर भाजपा ने तिवारी को तैयार किया है। आम आदमी पार्टी की ओर से प्रवासियों को मिल रही तरजीह के कारण भाजपा को एक मजबूत पूर्वांचली चेहरे की जरूरत है। मनोज तिवारी की जगह कौन होगा, किसी को पता नहीं है। इसलिए उनको लेकर दुविधा है। दिल्ली की दो तीन और सीटों पर भाजपा में मंथन चल रहा है।