फैजाबाद लोकसभा के तहत आने वाली विधानसभा सीट मिल्कीपुर पर उपचुनाव होने वाला है। अभी उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है और न किसी पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है लेकिन इस सीट को लेकर घमासान अभी से शुरू हो गया है। इसका कारण यह है कि मिल्कीपुर सीट समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद की है। अवधेश प्रसाद इस सीट से विधायक थे, जब अखिलेश यादव ने उनको फैजाबाद लोकसभा सीट का उम्मीदवार बनाया था। यह बड़ा दांव था। एक सामान्य सीट पर दलित उम्मीदवार देकर अखिलेश ने बड़ा दांव खेला था, जो कामयाब हो गया। अवधेश प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को हरा दिया। उस सीट पर, जिस सीट के अंदर अयोध्या है, जहां 22 जनवरी को इतने बड़े कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर का उद्घाटन किया था।
नतीजे के बाद से कांग्रेस, सपा और अन्य पार्टियों ने अवधेश प्रसाद को ट्रॉफी की तरह पेश किया। संसद से लेकर बाहर तक भाजपा की इस बात के लिए हंसी उड़ाई गई कि वह अयोध्या हार गई। उसके बाद से ही भाजपा ने और खास कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांठ बांधी है। पिछले कुछ समय से सारा फोकस मिल्कीपुर पर है। अवधेश प्रसाद के करीबी रहे लोगों खासतौर पर मुस्लिम कारोबारियों पर कार्रवाई को इससे अलग नहीं देखा जा सकता है। चुनाव की घोषणा से पहले ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर का दौरा किया। वहां कई बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की दो घटनाओं का खासतौर से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यहां थूक वाली रोटी और पेशाब वाला जूस नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अलग अलग हिस्सों एक जगह मुस्लिम ढाबे वाला थूक लगा कर रोटी बना रहा था और दूसरे पर आरोप था कि उसने जूस में पेशाब मिलाया था। मुख्यमंत्री ने मिल्कीपुर में पाकिस्तान का भी जिक्र किया।