अगर भारतीय जनता पार्टी राज्यों में बदलाव करती है और केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश अध्यक्ष बना कर भेजती है तो यह तय मानना चाहिए कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह मिलेगी। भाजपा के कई नेता इस इंतजार में हैं। जो प्रदेश अध्यक्ष हटाए गए हैं वे मंत्री बनने की उम्मीद में हैं तो जो हटाए जाएंगे उनमें से भी कई नेताओं को उम्मीद है कि वे मंत्री बन सकते हैं। पिछले दिनों जिन नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया उनमें से बिहार के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल मंत्री बनने की उम्मीद में हैं तो तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार भी उम्मीद कर रहे हैं कि उनको जी किशन रेड्डी की जगह मिल सकती है। कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतिल का बदला जाना तय बताया जा रहा है। अगर उनको हटाया जाता है तो वे केंद्र में मंत्री बन सकते हैं।
भाजपा के जानकार सूत्रों के मुताबिक अगर किसी केंद्रीय मंत्री को गुजरात का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो वहां के मौजूदा अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र सरकार में अहम मंत्रालय मिल सकता है। उनके अध्यक्ष रहते भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जीत का नया इतिहास बनाया। पहली बार उसके विधायकों की संख्या डेढ़ सौ के ऊपर गई। ऐसे ही अगर हरियाणा में कृष्णपाल गूजर प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो कोई नया चेहरा केंद्र में मंत्री होगा। राजस्थान में हटाए गए अध्यक्ष सतीश पूनिया चूंकि विधायक हैं इसलिए वे केंद्र में नहीं आ सकते हैं। उनकी बजाय किसी युवा सांसद को मौका मिल सकता है। राज्यवर्धन राठौड़ और दुष्यंत सिंह दोनों के नाम की चर्चा है लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि भाजपा कोई जाट चेहरा आगे करेगी।