पिछले कुछ दिनों में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक के बाद एक चार बैठकें हुईं। पहली दो बैठकें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हुई। उसके बाद की दो बैठकें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई हैं। बताया जा रहा है कि इन बैठकों में संगठन और सरकार में बदलाव की रूप-रेखा पर चर्चा हुई और सब कुछ तय हो गया है। अगर सब कुछ प्लान के हिसाब से हुआ तो कम से कम आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री राज्यों में भेजे जा सकते हैं। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को तेलंगाना का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। कुछ केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। जिन मंत्रियों को चुनाव प्रभारी बनाया गया है वे पद पर बने रहेंगे पर प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने वाले मंत्रियों को इस्तीफा देना होगा। उनकी जगह नए मंत्री बनेंगे।
जानकार सूत्रों के मुताबिक गुजरात में अगर सीआर पाटिल को हटाया जाता है तो अध्यक्ष पद के लिए दो मंत्रियों- मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रूपाला के नाम की चर्चा है। रूपाला पहले प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसी तरह कर्नाटक में नलिन कुमार कतिल की जगह लेने के लिए केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे का नाम चर्चा में है। उनके अलावा दूसरा नाम अश्वथ नारायण का है। हरियाणा में ओपी धनखड़ का कार्यकाल पूरा हो चुका है। उनकी जगह लेने के लिए केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गूजर का नाम तय हुआ बताया जा रहा है। उनके अलावा दूसरा नाम राज्य सरकार के मंत्री रामबिलास शर्मा का है। शर्मा पहले प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। केरल में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जम्मू कश्मीर में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। उनके अलावा पुराने नेता जुगल किशोर का नाम भी है। मध्य प्रदेश में अगर बदलाव होता तो नरेंद्र सिंह तोमर या प्रहलाद पटेल में से कोई एक अध्यक्ष बनता।