दस जून और 20 जून की तारीख निकल जाने के बाद अब नरेंद्र मोदी की सरकार में फेरबदल की नई तारीखों की अटकलें लगाई जा रही हैं। अटकलों की नई टाइमलाइन सामने आई है। भाजपा के ही कुछ नेताओं की तरफ से ही मीडिया के कुछ लोगों को क्रोनोलॉजी समझाई जा रही है। ताजा टाइमलाइन के मुताबिक तीन तारीख बताई जा रही हैं। लेकिन यदि संगठन में पहले और सरकार में बदलाव बाद में होता है तो नौ से 19 जुलाई के बीच की किसी तारीख में फेरबदल होगी। और यदि सरकार में पहले बदलाव होता है तो वह चार या पांच जुलाई को हो सकता है। हालांकि ऐसे ही सूत्रों के हवाले से रविवार यानी दो जुलाई का दिन पक्के तौर पर बताया जा रहा था और कहा जा रहा था कि दो जुलाई को फेरबदल होगी। ध्यान रहे पिछली बार सात जुलाई 2021 को फेरबदल हुई थी।
बहरहाल, इस टाइमलाइन का आधार भाजपा की बैठकें और संसद सत्र की तैयारी है। पहले अंडा या पहले मुर्गी आई की बहस की तरह यह पूछा जा रहा है कि पहले भाजपा संगठन में बदलाव होगा या सरकार में? किसी के पास इसका जवाब नहीं है। लेकिन हाइपोथेटिकल तरीके से कहा जा रहा है कि अगर पहले जेपी नड्डा के संगठन में बदलाव होता है और उसके बाद सरकार में फेरबदल होती है तो वह आठ जुलाई के बाद ही संभव है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि छह जुलाई को गुवाहाटी में, सात को दिल्ली में और आठ जुलाई को हैदराबाद में भाजपा की जोनल बैठकें होनी हैं। पार्टी के सारे महासचिव और मोर्चों के अध्यक्ष अलग अलग जोन में ये बैंठकें करेंगे। सो, उससे पहले संगठन में बदलाव नहीं हो सकता है। इसके बाद 20 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने वाला है। सो, नौ से 19 जुलाई के बीच संगठन और फिर सरकार में बदलाव हो सकता है।
इसी तरह अगर सरकार में फेरबदल पहले होनी है और संगठन में बदलाव उसके बाद होना है तो उसके लिए चार और पांच जुलाई की तारीख बताई जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि तीन जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान के नए बने कन्वेंशन सेंटर में अपनी मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है। पिछले हफ्ते जैसे ही तीन जुलाई की बैठक की घोषणा हुई वैसे ही मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए बताई जा रही दो जुलाई की तारीख की वैधता समाप्त हो गई। जब तीन जुलाई को मंत्रिपरिषद की बैठक है तो उससे पहले बदलाव संभव नहीं था।
इसलिए कहा जा रहा है कि तीन जुलाई की बैठक के बाद चार और पांच जुलाई की तारीख बचती है क्योंकि छह से आठ जुलाई तक पार्टी के संगठन की बैठक होनी है। सो, संभव है कि चार या पांच जुलाई को फेरबदल हो। अगर इन दो तारीखों में नहीं होती है तो नौ से 19 जुलाई के बीच उम्मीद रहेगी। अगर तब भी फेरबदल नहीं होती है तो फिर 15 अगस्त के बाद। लेकिन तब केंद्र सरकार में फेरबदल की संभावना बहुत कम रह जाएगी क्योंकि उसके तुरंत बाद राज्यों में चुनाव हैं और फिर लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी।