महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद अब माना जा रहा है कि केंद्री की नरेंद्र मोदी सरकार में फेरबदल अनिवार्य है। जल्दी ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकती है। हालांकि इसकी पक्की तारीख कोई नहीं बता सकता है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि नौ जुलाई से लेकर 20 जुलाई के बीच किसी दिन फेरबदल हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तीन जुलाई से राष्ट्रपति तीन राज्यों के दौरे पर जा रही हैं और वे सात जुलाई को दिल्ली लौटेंगी। उस बीच छह से आठ जुलाई तक भाजपा की जोनल बैठक है। गुवाहाटी, दिल्ली और हैदराबाद में देश भर के नेताओं की बैठक होगी। सो, आठ के बाद यानी नौ जुलाई से 19 जुलाई के बीच कभी भी फेरबदल हो सकती है।
ध्यान रहे प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पहली सरकार में तीन बार फेरबदल की थी, जबकि इस बार अभी तक सिर्फ एक बार फेरबदल हुई है वह भी दो साल पहले। बहरहाल, महाराष्ट्र के कारण फेरबदल की बात इसलिए हो रही है क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुट परेशान है। उनको राज्य मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिल रही है और ऊपर से अब अजित पवार को भी सरकार में शामिल कर लिया गया है। सो, उनके खेमे के 13 सांसदों में से एक को मंत्री बनाया जाएगा। अजित पवार के साथ अलग हुए एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल के भी मंत्री बनने की चर्चा है। अजित पवार के साथ एनसीपी के आठ विधायकों को राज्य में मंत्री बनाया गया है। सो, उनके खेमे के सांसदों में से एक को केंद्र में भी मंत्री बनाया जा सकता है। अगर महाराष्ट्र की दो सहयोगी पार्टियों से एक एक मंत्री बनते हैं तो हरसिमरत कौर बादल और चिराग पासवान भी मंत्री बन सकते हैं।