राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

भाजपा, शिव सेना और एनसीपी में कलह

अजित पवार के एनसीपी से बगावत करके भाजपा और शिव सेना की सरकार में शामिल हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गए। पिछले रविवार को यानी दो जुलाई को उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उनके साथ आठ मंत्री बने थे लेकिन आठ दिन बाद तक मंत्रियों के बीच विभाग नहीं बंटे। बताया जा रहा है कि विभागों को लेकर तीनों पार्टियों में खींचतान चल रही है तो साथ ही अतिरिक्त मंत्रालय के लिए भी तीनों पार्टियों में कलह हो रही है। ध्यान रहे महाराष्ट्र सरकार में कुल 42 मंत्री हो सकते हैं लेकिन अभी 29 मंत्री हैं, जिनमें एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री हैं। पिछले एक सालसे सिर्फ 20 मंत्रियों से काम चल रहा था और कहा जा रहा था कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होने तक इंतजार किया जा रहा है।

इसी तर्क से उनके विधायकों को मंत्री बनने से रोका जा रहा है। तभी कहा जा रहा है कि शिंदे गुट ने दबाव बनाने के लिए अपने चार मंत्रियों के इस्तीफे की बात कही है। हालांकि पार्टी ने आधिकारिक रूप से इसका खंडन किया है। बहरहाल, जानकार सूत्रों के मुताबिक बचे हुए 13 मंत्री पद भरने के लिए तीनों पार्टियों की ओर से दावेदारी की जा रही है। अजित पवार की ओर से चार और मंत्री पद की मांग की गई है। अगर वे 13 मंत्री पद लेते हैं तो इतना ही शिंदे गुट को भी देना होगा। फिर भाजपा के लिए सिर्फ 16 मंत्री पद बचेंगे, जबकि उसके 105 विधायक हैं। इन दोनों पार्टियों के विधायकों की साझा संख्या से भी ज्यादा। तभी कहा जा रहा है कि अभी मंत्रिमंडल का विस्तार रूका रहेगा। स्पीकर ने विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई शुरू कर दी है इसलिए उसका फैसला आने तक मामला टला रह सकता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें