पिछले दिनों एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार ने प्रदेश भाजपा के सबसे बड़े नेता और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ जुबानी जंग में कहा था कि उन्होंने 2019 में गुगली फेंकी थी। पवार ने कहा था कि भाजपा के साथ तालमेल की बात करके उन्होंने गुगली फेंकी थी, जिसमें भाजपा फंस गई थी। इसके बाद भाजपा ने कहा था कि पवार की गुगली निकल गई, अब वे फड़नवीस के बाउंसर का इंतजार करें। यह पिछले हफ्ते की बात है। तब किसी को अंदाजा नहीं था कि फड़नवीस की बाउंसर बॉल इतनी जल्दी आएगी। हालांकि अभी इस पूरे मामले का सच बाहर नहीं आया है। कई लोग यह भी मान रहे हैं कि यह पवार का मिला-जुला खेल है।
बहरहाल, बताया जा रहा है कि इसकी तैयारी कुछ दिन से चल रही थी और पिछले दिनों मंत्रिमंडल में विस्तार की बातचीत के बहाने जब एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़नवीस दिल्ली दौरे पर आए थे तब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात करके इस योजना को अंतिम रूप दिया था। उसके बाद सही समय का इंतजार हो रहा था। अगर शरद पवार की गुगली के जवाब में सचमुच यह फड़नवीस का बाउंसर है, जिसका मकसद पवार को आउट करना या घायल करना है तब तो खेल दिलचस्प है। क्योंकि तब पवार गुगली या बाउंसर नहीं यॉर्कर गेंद फेंकेंगे। जो, हो अभी महाराष्ट्र का खेल खत्म नहीं हुआ है, बल्कि ज्यादा दिलचस्प हो गया है। इस खेल की परतें धीरे धीरे खुलेंगी।