राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

हारे हुए नेता भी क्या मंत्री बनेंगे?

नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के शपथ लेने से पहले इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या कुछ हारे हुए नेताओं को भी केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है? सभी पार्टियां हारे हुए नेताओं को मंत्री बनाती रही हैं और उन्हें अहम पद देती रही हैं। नरेंद्र मोदी ने 2014 की पहली सरकार में अरुण जेटली और स्मृति ईरानी को चुनाव हारने के बाद मंत्री बनाया था। यूपीए की पहली सरकार में भी चुनाव हारे शिवराज पाटिल गृह मंत्री बने थे। सो, इस बार भी कुछ ऐसे नेताओं की चर्चा हो रही है, जो चुनाव हार गए हैं लेकिन मंत्री बन सकते हैं। इसमें तीन ऐसे नेताओं के नाम भी हैं, जो नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में मंत्री थे।

कहा जा रहा है कि अमेठी से चुनाव हारीं स्मृति ईरानी को मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसा होगा तो वे उन चंद लोगों में होंगी, जो लगातार तीसरी बार शपथ लेंगी। उनके अलावा केरल की तिरूवनंतपुरम सीट से हारे राजीव चंद्रशेखर को भी फिर से मंत्री बनाने की चर्चा है। तीसरा नाम अर्जुन मुंडा का है। वे चुनाव हार गए हैं और झारखंड में भाजपा पांचों आदिवासी आरक्षित सीटों से हारी है। तभी आदिवासी चेहरे के तौर पर उनको सरकार में रखने की चर्चा हो रही है।

नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा के नाम की भी चर्चा हो रही है। एनडीए की बैठक के दौरान शुक्रवार को मोदी ने उनके प्रति जैसा सद्भाव दिखाया उससे चर्चा तेज हो गई। कहा जा रहा है कि बिहार में लोकसभा चुनाव में जिस तरह से कुशवाहा वोट का विभाजन हुआ है उसे रोकने के लिए उपेंद्र कुशवाहा के नाम पर विचार हो रहा है। गौरतलब है कि राज्य में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं और दोनों सीटें एनडीए के खाते में जाएंगी। इसी तरह अमृतसर सीट से चुनाव हारे पूर्व आईएफएस अधिकारी तरनजीत सिंह संधू के नाम की भी चर्चा हो रही है। यह मोदी सरकार के मंत्री रहे दो पूर्व आईएफएस अधिकारियों एस जयशंकर और हरदीप सिंह पुरी के लिए चिंता की बात हो सकती है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *