यह सवाल जितना भाजपा के नेता पूछ रहे हैं उतना ही कांग्रेस के नेता भी पूछ रहे हैं कि राहुल की युवा टीम के सदस्य रहे कितने नेताओं को नरेंद्र मोदी अपनी सरकार में मंत्री बनाएंगे? कांग्रेस के एक नेता ने बड़ा अद्भुत संयोग बताया और कहा कि 2009 में जब मनमोहन सिंह की दूसरी बार सरकार बनी थी तब राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के तमाम ‘शहजादों’ को मंत्री बनवाया था। नेताओं की एक नई पौध उन्होंने लगाई थी। लेकिन 2014 में कांग्रेस के हार कर सत्ता से बाहर होने के बाद एक एक करके सारे ‘शहजादे’ कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चले गए। इनमें से एक सचिन पायलट को छोड़ कर लगभग सभी इस समय भाजपा या उसकी सहयोगी पार्टी के सांसद हैं।
पिछली सरकार में मोदी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मंत्री बनाया था। वे राहुल की कोर टीम के सदस्य थे सबसे युवा मंत्रियों में से एक थे। क्या वे फिर से मंत्री बनेंगे? राहुल की कोर टीम के दूसरे सदस्य आरपीएन सिंह थे, जो इस समय भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। पूर्वी यूपी में पार्टी की खराब हालत और कुशवाहा वोट टूटने की हकीकत में उनको मंत्री बनाया जा सकता है। राहुल की कोर टीम के तीसरे सदस्य जितिन प्रसाद थे, जो इस बार उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट से चुनाव जीते हैं। उत्तर प्रदेश से ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उनको आगे किया जा सकता है। चौथे सदस्य मिलिंद देवड़ा हैं, जो एकनाथ शिंदे की शिव सेना के राज्यसभा सांसद हैं। उनके भी मंत्री बनने की चर्चा हो रही है। राहुल के एक और नवरत्न नवीन जिंदल थे। हालांकि वे मंत्री नहीं बन पाए थे। इस बार वे भाजपा की टिकट पर कुरुक्षेत्र सीट से जीते हैं।