Rajya Sabha NDA: संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में दशकों से किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं रहा है। अरसे बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत मिल गया है।
अभी राज्यसभा में पांच सीटें खाली हैं, जिनमें से चार मनोनीत श्रेणी की हैं और एक सीट आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदन के नेता विजय साई रेड्डी के इस्तीफे से खाली हुई है।
केंद्र सरकार अगर चार सीटों पर मनोनयन कर देती है और विजय साई रेड्डी की सीट पर चुनाव हो जाता है तो एनडीए का बहुमत और बड़ा हो जाएगा।(Rajya Sabha NDA)
हालांकि यह इस पर निर्भर करेगा कि मनोनीत होने वाले कितने सांसद भाजपा के सदस्य बनते हैं। फिलहाल आठ मनोनीत सांसदों में से सिर्फ दो ने, जम्मू कश्मीर के गुलाम अली और पंजाब के सतनाम सिंह संधू ने भाजपा की सदस्यता ली है।
बाकी छह लोग, रंजन गोगोई, पीटी उषा, सुधा मूर्ति, वी विजयेंद्र प्रसाद, इलैयाराजा और धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े स्वतंत्र बना हुए हैं। हालांकि जरुरत पड़ने पर ये सरकार का विरोध नहीं करेंगे।
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बहरहाल, मौजूदा क्षमता के हिसाब से देखें तो बहुमत का आंकड़ा 120 सदस्यों का है, जिसमें से भाजपा के अपने 98 सांसद हैं।(Rajya Sabha NDA)
भाजपा बड़े लंबे समय से इस कोशिश में है कि किसी तरह से उसके सांसदों की संख्या एक सौ का आंकड़ा पार करे। अगले चुनाव में यह संभव हो सकता है।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मिले बड़े बहुमत और ओडिशा की जीत से इसकी संभावना बनी है।
लेकिन उससे भी खास बात यह है दो पार्टियों, वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल के सात सात सांसद हैं, जिन पर भाजपा और तेलुगू देशम पार्टी की नजर है।(Rajya Sabha NDA)
बीजू जनता दल के दो सांसद इस्तीफा देकर भाजपा की टिकट से चुने जा चुके हैं और उधर आंध्र प्रदेश में जगन की पार्टी के तीन सांसदों के इस्तीफे हो चुके हैं।
इससे एनडीए के सांसदों की संख्या बढ़ी है। आने वाले दिनों में इन दोनों राज्यों में कुछ और सांसदों के इस्तीफे हों तो हैरानी नहीं होगी।
भाजपा के 98 सांसद(Rajya Sabha NDA)
बहरहाल, फिलहाल भाजपा के 98 सांसद हैं। इसके अलावा किसी बड़ी पार्टी का साथ उसको नहीं है। इसके बाद दूसरा स्थान जनता दल यू का है, जिसके चार सांसद है।
एनसीपी के तीन और तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों की संख्या दो है, जबकि मनोनीत और निर्दलीय श्रेणी के दो दो सांसद एनडीए के साथ हैं।(Rajya Sabha NDA)
इस तरह एनडीए के सांसदों की संख्या 111 हो जाती है। इसके बाद एक एक सांसदों वाले घटक दलों का नंबर आता है।
बिहार के राष्ट्रीय लोक मोर्चा, महाराष्ट्र में शिव सेना और आरपीआई, असम गण परिषद, नेशनल पीपुल्स पार्टी, पीएमके, टीएमसी, जेडीएस, राष्ट्रीय लोकदल, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी, मिजो नेशनल फ्रंट। इनकी संख्या 11 बनती है।(Rajya Sabha NDA)
इस तरह एनडीए के राज्यसभा सांसदों की संख्या 122 हो जाती है। आंध्र प्रदेश के उपचुनाव के बाद यह 123 हो जाएगी और चार सदस्यों के मनोनयन के बाद थोड़ी और बढ़ सकती है।
ध्यान रहे राज्यसभा में सभापति का एक कास्टिंग वोट होता है, जो वोट की बराबरी होने पर इस्तेमाल होता है।(Rajya Sabha NDA)
अभी हाल में अमेरिका के उच्च सदन यानी सीनेट में डोनाल्ड ट्रंप के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के नाम की मंजूरी के लिए वोटिंग हुई थी तो दोनों तरफ के वोट बराबर हो गए थे।
तब उप राष्ट्रपति जेडी वैंस के टाईब्रेकर वोट के जरिए रक्षा मंत्री की नियुक्ति को मंजूरी मिली।(Rajya Sabha NDA)