दिल्ली और बेंगलुरू में हुई 64 राजनीतिक पार्टियों की बैक में कई दिलचस्प चीजें देखने को मिलीं। कई पार्टियां ऐसी थीं, जो पहले भाजपा के साथ रही हैं वो कांग्रेस के गठबंधन में दिखीं और कांग्रेस की सहयोगी रही पार्टियां भाजपा की बैठक में शामिल हुईं। लेकिन इससे ज्यादा दिलचस्प बात यह रही कि कई पार्टियों में पिछले कुछ समय से विभाजन हुआ है और उनमें से आधे एक तरफ थे तो आधे दूसरी तरफ थे। ऐसा भी था कि दोनों धड़े एक ही बैठक में मौजूद रहे और यह भी हुआ की दूसरे धड़े को किसी ने नहीं पूछा।
जैसे अन्ना डीएमके से ई पलानीस्वामी एनडीए की बैठक में शामिल हुए और ओ पनीरसेल्वम को किसी ने नहीं पूछा। लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों खेमे यानी चिराग पासवान और पशुपति पारस का खेमा एक साथ एनडीए की बैठक में शामिल हुआ। शिव सेना के एक खेमे के नेता एकनाथ शिंदे एनडीए की बैठक में शामिल हुए तो उद्धव ठाकरे ‘इंडिया’ की बैठक में गए। एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल एनडीए की बैठक में पहुंचे तो शरद पवार कांग्रेस गठबंधन की बैठक में शामिल हुए। अपना दल सोनेलाल की नेता अनुप्रिया पटेल एनडीए की बैठक में मौजूद रहीं तो उनका मां और अपना दल कमेरावादी की नेता कृष्णा पटेल ‘इंडिया’ की बैठक में गईं।