NTA: पिछले साल भारत सरकार की परीक्षा कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने मेडिकल में दाखिले के लिए होने वाली नीट यूजी की परीक्षा किस तरह से कराई यह सबको पता है।
परीक्षा केंद्रों की गड़बड़ी से लेकर पेपर लीक तक अनेक शिकायतों के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और महीनों के सस्पेंस के बाद अंत में सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द नहीं करने का फैसला किया।
लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में 20 लाख से ज्यादा बच्चे और उनके अभिभावक महीनों तक परेशान हुए। इनमें से ज्यादातर बच्चों की उम्र 20 साल से कम थी।
उस विवाद के बाद ही एनटीए की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई गई, जिसने सुझाव दिया कि एनटीए सिर्फ दाखिलों की परीक्षा कराए और रोजगार वाली परीक्षाएं दूसरी एजेंसियां कराएं।
यह केंद्र सरकार के ‘एक देश, एक परीक्षा एजेंसी’ के सिद्धांत को झटका था। परंतु क्या इन तमाम विवादों से एनटीए ने कोई सबक सीखा है?
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एनटीए को नीट यूजी 2025 की परीक्षा का आयोजन करना है और 16 जनवरी तक एजेंसी ने इस बात की घोषणा नहीं की है कि रजिस्ट्रेशन कब से शुरू होगा।
आमतौर पर दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन की तारीखों की घोषणा हो जाती है। पिछले साल नौ फरवरी से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था। इस साल का पता नहीं है कि कब से रजिस्ट्रेशन होगा।
उससे पहले एनटीए ने 30 दिसंबर को नीट यूजी 2025 की परीक्षा के लिए सिलेबस का लिंक जारी किया। इस लिंक पर क्लिक करने पर यह छात्रों को पिछले परीक्षा से जुड़े बुलेटिन पर ले जा रहा है।
करीब दो हफ्ते तक इसमें सुधार नहीं हुआ। इससे एनटीए की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। इस बीच एनटीए ने छात्रों के सामने एक नया टास्क रख दिया है।
नीट यूजी की परीक्षा में 25 लाख छात्र(NTA)
एनटीए ने छात्रों के लिए निर्देश जारी किया है कि वे आधार कार्ड में दर्ज नाम, जन्मतिथि और फेशियल रिकग्निशन डाटा को दसवीं बोर्ड की परीक्षा में दी गई जानकारी के आधार पर अपडेट कराएं।
असल में केंद्र सरकार ने देश के नागरिकों के लिए बनाए गए आधार कार्ड से अलग छात्रों के लिए एक अपार कार्ड बनवाया है।
अब कहा जा रहा है कि छात्र आधार और अपार कार्ड के डाटा मिलान कराएं। इसे एकीकृत करना या आधार और अपार को लिंक कराना भी कह सकते हैं।
सोचें, जिस समय तक परीक्षा एजेंसी को रजिस्ट्रेशन की तारीखों का ऐलान कर देना चाहिए था उस समय तक एजेंसी सिलेबस का लिंक अपडेट नहीं कर पाई है और ऊपर से छात्रों व उनके अभिभावकों के सामने नया टास्क रख दिया है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि एजेंसी अब भी स्वतंत्र और गुणवत्तापूर्ण तरीके से परीक्षा लेने को तैयार नहीं है। परीक्षा की तैयारियों में गोपनीयता का घोऱ अभाव है और संगठन के स्तर पर भी यह तैयार नहीं है।
पिछली बार सबने देखा था कि कैसे आउटसोर्सिंग एजेंसियों ने ऑटोरिक्शा करके परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र पहुंचाए थे। इस साल नीट यूजी की परीक्षा में 25 लाख छात्र शामिल होंगे।
सोचें, इन छात्रों के बारे में! पिछले साल के अनुभव को देखते हुए छात्र और उनके अभिभावक अभी से चिंता और संशय में हैं कि एनटीए ठीक से परीक्षा ले भी पाएगा या नहीं?