overseas Indian voters: क्या प्रवासी भारतीय मतदाताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भारत की चुनाव व्यवस्था से मोहभंग हो रहा है?
यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि एक आंकड़ा सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि इस साल के लोकसभा चुनाव में प्रवासी भारतीय मतदाताओं ने बहुत कम दिलचस्पी ली और बहुत कम मतदान किया।
आंकड़ों के मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 2,958 प्रवासी भारतीय मतदाताओं ने मतदान किया।
तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में से तो एक भी प्रवासी भारतीय मतदाता ने वोट नहीं डाला। इस बार कुल रजिस्टर्ड प्रवासी भारतीय मतदाताओं में से सिर्फ 2.47 फीसदी ने वोट डाला।
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चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक एक लाख 10 हजार से कुछ ज्यादा प्रवासी भारतीय मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
इनमें से सिर्फ 2,958 ने वोट डाला। इससे पहले 2019 में एक लाख से कुछ लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था और उनमें से 25,606 यानी 25 फीसदी से कुछ ज्यादा लोगों ने वोट डाला था। इस बार मतदान प्रतिशत 25 फीसदी से घट कर सीधे ढाई फीसदी पर आ गया है।
ऐसा लग रहा है कि 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जो माहौल बना था और प्रवासी भारतीयों में जो जोश आया था वह 2019 तक तो रहा लेकिन अब धीरे धीरे उनका उत्साह कम हो रहा है। अब प्रधानमंत्री के विदेश दौरों में भी प्रवासी भारतीयों का उत्साह बहुत देखने को नहीं मिलता है।