Budget 2025: अगर सब कुछ ठीक रहता है तो संसद के बजट सत्र में विधायी कामकाज निपटाए जाएंगे। अरसे बाद ऐसा लग रहा है कि सत्र के पहले कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ है।
उलटे पिछले दो साल से संसद सत्र के ठीक पहले कभी अडानी के बारे में तो कभी सेबी प्रमुख के बारे में खुलासा करके सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाली संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च बंद हो रही है।
सरकार के लिए मुश्किल पैदा करने वाली दूसरी संस्था ब्रिटिश अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ है। लेकिन उधर भी खामोशी है।(Budget 2025)
तभी ऐसा लग रहा है कि बाहरी कारणों से इस बार शायद संसद का बजट सत्र प्रभावित नहीं हो। तभी कहा जा रहा है कि सरकार बहुत भरोसे में है कि वह कई बड़े विधायी कामकाज इस बार निपटाएगी।
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यह जरूर है कि विपक्ष के पास कोई बाहर मुद्दा नहीं है लेकिन घरेलू राजनीति से जुड़े मुद्दे इतने हैं कि विपक्ष उन पर हंगाम कर सकता है। ऊपर से बजट सत्र के पहले हफ्ते में दिल्ली विधानसभा का चुनाव चल रहा होगा।
बजट सत्र शुक्रवार यानी 31 जनवरी को शुरू हो रहा है और एक फरवरी को बजट पेश होगा। दिल्ली में विधानसभा का चुनाव पांच फरवरी को है और आठ फरवरी को नतीजे आने हैं।
सो, पांच फरवरी तक विपक्षी पार्टियां कोई न कोई मुद्दा उठा कर संसद के दोनों सत्रों को प्रभावित करेंगी।
सरकार के लिए अच्छी बात यह है कि इस बार दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने सामने की लड़ाई लड़ रहे हैं।(Budget 2025)
दूसरे, इस लड़ाई में कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां जैसे समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस खुल कर आप का साथ दे रहे हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव दिल्ली में रोड शो करने वाले हैं तो तृणमूल की ओर से फिल्म स्टार और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा आप के लिए प्रचार करेंगे। इस तरह विपक्ष की एकता नहीं बनने वाली है।
वक्फ बोर्ड का बिल पास कराना अहम
पता नहीं पिछले कुछ सत्रों की तरह इस सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैम्बर में विपक्षी पार्टियों की बैठक भी होगी या नहीं।
माना जा रहा है कि पहले हफ्ते में शायद नहीं हो और हो भी तो आम आदमी पार्टी के नेता उसमें शामिल नहीं होंगे।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद तो पिछले सत्र में भी शामिल नहीं हो रहे थे क्योंकि वे अडानी समूह के मसले पर संसद ठप्प करने के पक्ष में नहीं थे।(Budget 2025)
बहरहाल, सरकार मान रही है कि उसे इस बार ज्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी के पास लोकसभा में सिर्फ एक सांसद है।
इसलिए उसे जो भी हंगामा करना होगा वह राज्यसभा में करेगी, जहां उसके 10 सांसद हैं। आप ने दिल्ली के लिए मिडिल क्लास मैनिफेस्टो जारी किया है, जिसमें कहा है कि उसके सांसद बजट सत्र में सात मांगें उठाएंगे।
सो, माना जा रहा है कि पहले दिन से उसके सांसद आयकर की दरें कम करने, छूट बढ़ाने सहित कुछ मांगों को लेकर शोरशराबा करेंगे।
अगर सरकार इस मामले में बजट में कोई बड़ा फैसला नहीं करती है तो आप सांसदों को हंगामा करने का मुद्दा मिलेगा।(Budget 2025)
इसके बावजूद सरकार के संसदीय प्रबंधक इस सत्र में अहम कामकाज निपटाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। इसमें वक्फ बोर्ड का बिल पास कराना सबसे अहम है।