प्रफुल्ल पटेल अकेले नहीं हैं, जिनके बारे में अंदाजा नहीं है कि अगली बैठक में कहां होंगे। बिहार के पशुपति पारस का भी पता नहीं है कि वे कल कहां होंग। अभी वे केंद्र सरकार में मंत्री हैं और उनकी पार्टी भाजपा सरकार में शामिल है इसलिए वे एनडीए की बैठक में पहुंचे। उनके भतीजे चिराग पासवान ने उनके ऊपर जिस तरह का दबाव बनाया है उसे देखते हुए आगे क्या होगा यह नहीं कहा जा सकता है। चिराग ने ऐलान किया है कि वे हाजीपुर लोकसभा सीट लड़ेंगे, जहां से पारस अभी सांसद हैं।
यह सिर्फ एक सीट का मामला नहीं है। पारस के साथ पांच सांसद अलग हुए थे और चिराग पासवान अकेले रह गए थे। अब चिराग छह सीट मांग रहे हैं और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनको लोक जनशक्ति पार्टी का प्रमुख गुट कहा है। इसका मतलब है कि लोकसभा सीटों के बंटवारे में भी पारस की पूछ नहीं रहनी है। ध्यान रहे जब वे अलग हुए थे तब नीतीश कुमार एनडीए में थे और उनके इशारे पर ही चिराग की पार्टी में विभाजन हुआ था। उसके बाद से यह भी चर्चा रही कि वे नीतीश के साथ जा सकते हैं। अब फिर यह चर्चा शुरू हुई है कि वे गठबंधन बदल सकते हैं। वे हाजीपुर से महागठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं। उनको राज्य सरकार में मंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है।