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इंसान और देवता वाले बयान में विरोधाभास नहीं

Disaster governmentImage Source: ANI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला पॉडकास्ट किया। शेयर मार्केट ट्रेडिंग कंपनी जेरोधा के संस्थापक निखिल कामत के साथ पॉडकास्ट में वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी ने कई बातें कहीं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि उन्होंने कहा कि उनसे भी गलतियां होती हैं, वे भी इंसान हैं, कोई देवता नहीं हैं। विपक्षी पार्टियों के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी दोनों का विरोध करने वाला समूचा इकोसिस्टम इस बात का किसी न किसी तरह से जिक्र कर रहा है कि मोदी ने आखिरकार अपने को इंसान मान लिया। कई लोग कह रहे हैं कि देश की जनता ने 240 सीटों पर ला दिया तो मोदी को समझ में आ गया कि वे इंसान हैं, जैविक हैं, कोई देवता नहीं हैं। गौरतलब है कि जैविक रूप से जन्म नहीं होने और देवता होने के बयान पर विपक्ष के साथ साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी परोक्ष रूप से मोदी पर टिप्पणी की थी।

परंतु सवाल है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी सचमुच लोकसभा चुनाव के समय दिए अपने बयान से पीछे हट गए हैं? इसका जवाब नकारात्मक है। मोदी ने यह नहीं कहा है कि अब भी उनसे गलतियां होती हैं और अब वे इंसान हैं कोई देवता नहीं। उनके बयान को ध्यान से सुनने की जरुरत है। उन्होंने कहा है कि, ‘जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैंने एक भाषण में कहा था कि मुझसे भी गलतियां होती हैं, मैं भी मनुष्य हूं कोई देवता नहीं’। इसके बरक्स लोकसभा चुनाव के समय का उनका इंटरव्यू सुने कि उन्होंने कहा कहा था। उन्होंने कहा था कि, ‘जब मेरी मां जीवित थीं, तो मैं मानता था कि मैं जैविक रूप से पैदा हुआ हूं। उनके निधन के बाद अपने सभी अनुभवों पर विचार करने के बाद मुझे यकीन हो गया कि भगवान ने मुझे भेजा है। यह ऊर्जा मेरे जैविक शरीर से नहीं हो सकती, बल्कि भगवान ने मुझे प्रदान की है…। मैं जब भी कुछ करता हूं, तो मुझे विश्वास होता है कि भगवान मेरा मार्गदर्शन कर रहे हैं’।

इससे जाहिर है कि मोदी के दोनों बयानों में कोई विरोधाभास नहीं है। उन्होंने मई 2024 में कहा था कि जब तक मां जीवित थीं, तब तक वे अपने को जैविक रूप से पैदा हुआ मानते थे। यानी 30 दिसंबर 2022 तक, जिस दिन उनकी मां हीरा बा का निधन हुआ उस दिन तक वे अपने को इंसान मानते थे। देवता होने का आभास तो उनको दिसंबर 2022 के बाद हुआ है। और निखिल कामत के पॉडकास्ट में उन्होंने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री बने थे, यानी 2001 के बाद और मई 2014 से पहले किसी समय उन्होंने एक भाषण में कहा था कि वे भी मनुष्य हैं कोई देवता नहीं। सो, उनकी बातों में कोई विरोधाभास नहीं है। वे पहले मानते थे कि वे भी मनुष्य हैं लेकिन दिसंबर 2022 के बाद अपने बारे में उनके विचार बदल गए।

By NI Political Desk

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