राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार
AIPDM Website Banner

दिल्ली जैसी कश्मीर में राजनीति

Image Source: ANI

केंद्र सरकार ने अभी तक जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया है। जम्मू कश्मीर अब भी केंद्र शासित प्रदेश है। यह सही है कि उसका राज्य का दर्जा बहाल करने के मसले पर केंद्र सरकार सिद्धांत रूप से सहमत है। कहा जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में इसका प्रस्ताव आ सकता है। लेकिन क्या राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद भी जम्मू कश्मीर की सत्ता संरचना में कोई बदलाव होगा या दिल्ली की तरह उप राज्यपाल ही असली सरकार बने रहेंगे? यह संसद में लाए जाने वाले प्रस्ताव से कुछ हद तक पता चलेगा लेकिन अभी तो दिल्ली की तरह ही वहां भी उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव शुरू हो गया है।

पहला विवाद राज्य के एडवोकेट जनरल को लेकर हुआ है। राज्य के एडवोकेट जनरल डीसी रैना को राज्यपाल रहते सतपाल मलिक ने नियुक्त किया था और उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने उनको काम करने दिया था। जब उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने तो रैना ने पद से इस्तीफा दे दिया। परंतु उमर चाहते हैं कि रैना पद पर बने रहें। दूसरी ओर उप राज्यपाल उनको नहीं रखना चाहते हैं। दूसरा विवाद चार अधिकारियों के तबादले पर हुआ है। उप राज्यपाल ने तीन आईएएस और एक प्रदेश सेवा के अधिकारी का तबादला कर दिया। राज्य सरकार का कहना है कि राज्य सेवा के अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग का अधिकार उसके पास है। आने वाले दिनों में यह विवाद और बढ़ेगा। हालांकि उमर अब्दुल्ला मिलजुल कर काम करने वाले हैं और उनकी महत्वाकांक्षा ऐसी नहीं है कि अरविंद केजरीवाल की तरह दिन रात केंद्र सरकार और भाजपा से लड़ते रहें। फिर भी सत्ता का क्या स्वरूप बनता है वह इस महीने तय होना चाहिए।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *