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वाईएसआर को श्रद्धांजलि के बहाने राजनीति

सोमवार, आठ जुलाई को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वाईएसआर रेड्डी की 75वीं जयंती थी। इस मौके पर आंध्र प्रदेश में तो कई कार्यक्रम हुए ही दिल्ली में कांग्रेस नेताओं ने उन्हें बड़ी श्रद्धांजलि दी। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनको श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अगर वे होते तो आंध्र प्रदेश वैसा ही नहीं होता, जैसा आज है। उन्होंने लोगों का जीवन बदला होता। राहुल ने कहा कि उन्होंने वाईएसआर से बहुत कुछ सीखा है और उनकी भारत जोड़ो यात्रा वाईएसआर की प्रजा प्रस्थानम पदयात्रा की तर्ज पर ही हुई थी। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने भी वाईएसआर रेड्डी को बड़े एहतेराम के साथ श्रद्धांजलि दी। राहुल ने अपनी श्रद्धांजलि में वाईएसआर की बेटी वाईएस शर्मिला का जिक्र किया, जो अभी आंध्र प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हैं।

वाईएसआर को इतने आदर और लगाव के साथ याद करने के पीछे बड़ा राजनीतिक संकेत है। इस समय जगन मोहन रेड्डी बहुत कमजोर हो गए हैं और कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि राज्य में कांग्रेस अपनी जगह वापस हासिल कर सकती है। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। लेकिन उसके लिए संतोष की बात यह थी कि 2019 में उसे 1.31 फीसदी वोट मिला था, जो 2024 में दोगुने से ज्यादा होकर 2.66 हो गया। कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को 3.05 फीसदी वोट मिला। यह शर्मिला की वजह से हो सका था। जगन मोहन की पार्टी को 39 फीसदी से कुछ ज्यादा वोट मिले हैं। तभी कांग्रेस की ओर से उनको साथ लाने का प्रयास भी किया जा सकता है। अगर चंद्रबाबू नायडू की प्रदेश सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करती है और किसी मामले में उनकी गिरफ्तारी होती है तो कांग्रेस को मौका मिलेगा, परिवार को एक कराने और जगन को साथ लाने का।

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