सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने दिल की बात कही है। उन्होंने अपनी पत्नी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बारे में कहा है कि वे संसद में बेहतरीन काम कर सकती हैं। वाड्रा ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि कांग्रेस के पास प्रियंका के लिए कोई योजना होगी। ध्यान रहे प्रियंका को सक्रिय राजनीति में आए हुए पांच साल से ज्यादा हो गए हैं और वे अभी तक सांसद नहीं बनी हैं। कांग्रेस के नेता गाहेबगाहे उनको राज्यसभा में भेजने की बात करते हैं। अभी कहा जा रहा है कि वे अपनी मां सोनिया गांधी की रायबरेली सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ सकती हैं और सोनिया राज्यसभा में जाएंगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी योजना के तहत प्रियंका को अभी संसद में नहीं भेजा गया है क्योंकि अगर परिवार चाहता तो वे कब की सांसद बन चुकी होती हैं। सो, यह यक्ष प्रश्न है कि परिवार क्यों नहीं चाहता है?
बहरहार, नेहरू-गांधी परिवार का जो भी सदस्य राजनीति में आया वह सांसद रहा। यह पहली बार है, जब इतने लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहने के बावजूद प्रियंका या उनके पति में से कोई सांसद नहीं रहा। आजादी के बाद पंडित नेहरू के दामाद फिरोज गांधी भी सांसद बने। इंदिरा गांधी बनी और उनके बेटे संजय गांधी भी सांसद बने। राजीव गांधी की राजनीति में एंट्री ही सांसद बन कर हुई, जब संजय गांधी के निधन के बाद उनकी खाली हुई सीट अमेठी से राजीव को चुनाव लड़ाया गया। सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद बन कर राजनीति में उतरीं। राहुल गांधी भी सांसद बन कर ही राजनीति में आए। प्रियंका और रॉबर्ट अपवाद हैं कि इतने साल बाद भी दोनों में से कोई सांसद नहीं बना है।