भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम से हटाए गए सभी पदाधिकारियों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। किसे क्या मिलेगा यह कयास लगाए जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि हटाए गए हर नेता के लिए कोई न कोई जगह देखी गई है। डी पुरंदेश्वरी को हटाया गया है तो उससे पहले ही उनको आंध्र प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया गया और सीटी रवि को हटाया गया है तो उनको कर्नाटक का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह का भाजपा क्या करेगी यह किसी को पता नहीं है। वे नड्डा की टीम में उपाध्यक्ष थे और उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे, लेकिन इस बार उनको हटा दिया गया है। पिछले साल मार्च में उत्तर प्रदेश का चुनाव संपन्न होने के बाद प्रभारी के तौर पर भी उनका कामकाज काफी सीमित हो गया था और अब वहां से भी हट जाएंगे।
बिहार में चल रही चर्चाओं को मानें तो यह भी कहा जा रहा है कि उनको लोकसभा की टिकट भी शायद नहीं मिले क्योंकि अगले साल चुनाव के समय तक वे 74 साल से ज्यादा उम्र के होंगे। हालांकि बिहार के मौजूदा 17 सांसदों ने गिने चुने सांसद ही हैं, जो अपने दम पर अगले चुनाव में भी जीत सकते हैं और उनमें राधामोहन सिंह भी एक हैं। इसके बावजूद उपाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद टिकट कटने की चर्चा तेज हो गई है। यह भी कहा जा रहा है कि उनको राज्यपाल बनाया जा सकता है। उनके कई शुभचिंतक इस बात की चर्चा कर रहे हैं और बता रहे हैं कि भीष्म नारायण सिंह के बाद बिहार से ठाकुर समाज का कोई नेता राज्यपाल नहीं बना है। राधमोहन सिंह को बना कर भाजपा यह सिलसिला तोड़ेगी। उनके अलावा अति पिछड़ा समाज के भी एक नेता को राज्यपाल बनाने की चर्चा है। हालांकि राधामोहन सिंह के पास विकल्प होगा तो वे चुनाव लड़ना चाहेंगे।