ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को समझ नहीं आ रहा है कि वह राहुल गांधी के मामलों को किस तरह से हैंडल करे। कई बार लगता है कि भाजपा और उसके सारे नेता राहुल को निशाना बना रहे हैं तो कई बार ऐसा मैसेज देने की कोशिश की जाती है कि राहुल गांधी कौन हैं। इन दोनों के बीच भाजपा की रणनीति झूल रही है। जैसे राहुल ने अभी हिंसा प्रभावित मणिपुर जाने का ऐलान किया तो सोशल मीडिया में भाजपा के कई नेताओं और समर्थकों ने सवाल उठाया कि वे कौन हैं, जो मणिपुर के दौरे पर जा रहे हैं? यह भी कहा गया कि वे न तो कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और न सांसद हैं फिर किस हैसियत से मणिपुर जा रहे हैं?
एक तरफ भाजपा के लोग खुद ही राहुल गांधी को आम आदमी ठहरा रहे हैं और उनकी हैसियत पूछ रहे हैं तो दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपनी अमेरिका यात्रा में जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन से मदद लेने वाली एक महिला सुनीता विश्वनाथ से मिले थे। उन्होंने राहुल से पूछा कि वे क्यों ऐसे लोगों से अमेरिका में मिले? अब सवाल है कि जब वे आम आदमी हैं और उनकी कोई हैसियत नहीं है तो फिर वे किससे मिले, इससे क्या फर्क पड़ता है और उनको क्यों किसी को जवाब देना चाहिए कि वे किससे मिले?