कांग्रेस नेता राहुल गांधी क्या लोकसभा में नेता विपक्ष होंगे? इसकी अटकलें अभी से शुरू हो गई हैं। वे 2014 में भी जीते थे और 2019 में भी जीते थे। लेकिन नेता विपक्ष नहीं बने थे। भाजपा की ओर से इसे लेकर तंज किया गया था कि चूंकि कांग्रेस को 10 फीसदी सीटें भी नहीं मिली हैं और इसलिए वह मुख्य विपक्षी पार्टी नहीं बन पाई तभी राहुल नेता विपक्ष नहीं बने हैं। यह भी कहा जाता रहा कि राहुल नेता विपक्ष तभी बनेंगे जब कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी बनेगी और नेता विपक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा। तभी कांग्रेस के कुछ नेता आशंका जता रहे हैं कि राहुल मना भी कर सकते हैं।
हालांकि अब लोकसभा में राहुल सबसे अनुभवी सांसदों में शामिल हो गए हैं। वे लगातार पांचवीं बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं। वे 20 साल से लोकसभा में हैं और संसदीय कामकाज में उनकी भागीदारी भी ठीक ठाक रही है। इसके अलावा पिछली बार लोकसभा में नेता रहे अधीर रंजन चौधरी इस बार चुनाव हार गए हैं। सोनिया गांधी अब राज्यसभा में हैं और मल्लिकार्जुन खड़गे भी राज्यसभा में हैं। तभी इस बात की ज्यादा संभावना देखी जा रही है कि वे नेता विपक्ष बन सकते हैं। उनके साथ साथ गौरव गोगोई, दीपेंद्र हुड्डा जैसे सांसदों को भी अहम जिम्मेदारी मिलने की चर्चा है।