पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यसभा की टिकटों के बंटवारे में अपना खेला कर दिया है। कांग्रेस छोड़ कर उनकी पार्टी में आए दो नेताओं की छुट्टी हो गई है। पहले गोवा के नेता लुइजिन्हो फ्लेरियो की छुट्टी हुई। उनसे कुछ समय पहले इस्तीफा लिया गया था। और अब ममता ने महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रही सुष्मिता देब की टिकट काट दी है। बताया जा रहा है सुष्मिता असम की सिलचर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। वे इस सीट से सांसद रही हैं और पहले उनके पिता संतोष मोहन देब इस सीट से जीतते थे। लेकिन परिसीमन में इस सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसका मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सो, राज्यसभा उनके हाथ से निकल गई और लोकसभा चुनाव में अनिश्चितता है। बंगाल से कांग्रेस के अपने राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य भी रिटायर हो जाएंगे। सो, बंगाल से कांग्रेस का एक भी राज्यसभा सांसद नहीं रहेगा।
ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का दावा किया था। लेकिन राज्यसभा में उन्होंने संख्या घटा दी है। पहले राज्यसभा में उनकी पार्टी की चार महिला सांसद थीं। अब उनकी संख्या दो रह जाएगी। इस बार रिटायर हो रही तीन में से दो महिला सांसदों की टिकट ममता ने काट दी है। उन्होंने शांता छेत्री और सुष्मिता देब को टिकट नहीं दी है। सिर्फ डोला सेन की वापसी होगी। उनके अलावा मौसम नूर राज्यसभा सांसद हैं। वे भी कांग्रेस छोड़ कर ममता के साथ गई थीं। ममता ने मुस्लिम वोटों का कांग्रेस की ओर रूझान देखते हुए एक और मुस्लिम नेता को राज्यसभा की टिकट दी है। पहले से नदीम उल हक राज्यसभा में हैं और इस बार ममता ने समीरुल इस्लाम को टिकट दिया है। उनके अलावा दो नए नेता साकेत गोखले और प्रकाश चिकबड़ाइक राज्यसभा में जाएंगे।