अब तक भारत के राजनीतिक दल, मंत्री, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर आदि बात बात में भारत की तुलना पाकिस्तान से करते रहते हैं। भाजपा के कई नेता तो इस मामले के विशेषज्ञ हैं। लेकिन पहली बार भारत के केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में पाकिस्तान का जिक्र किया है। भारत के केंद्रीय बैंक की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि उसकी कुल संपत्ति 31 मार्च 2024 तक बढ़ कर 70 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। इससे पहले 31 मार्च 2023 को रिजर्व बैंक की कुल संपत्ति 63.44 लाख करोड़ की थी। इस साल रिजर्व बैंक ने भारत सरकार को दो लाख 10 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं।
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी बैलेंस शीट पाकिस्तान की जीडीपी से दोगुना हो गई है। पाकिस्तान की जीडीपी 338.24 अरब डॉलर की है, जबकि आरबीआई का बैलेंस शीट बढ़ कर 844.76 अरब डॉलर हो गया। यह सचमुच पाकिस्तान की जीडीपी से दोगुने से ज्यादा है। लेकिन क्या भारत की किसी भी संस्था के लिए पाकिस्तान मानक हो सकता है? क्या भारतीय रिजर्व बैंक को अपनी तुलना पाकिस्तान की जीडीपी से करनी है? क्या उसे अमेरिका के फेडरल रिजर्व पर नजर नहीं रखनी चाहिए? रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट और आर्थिक विकास का आंकड़ा यह सब सातवें चरण के मतदान से ठीक पहले जारी हुआ है।