Schemes for women: हर चुनाव में, हर राज्य में और हर पार्टी को महिलाओं को नकद पैसे देने की योजनाओं की घोषणा करने के लिए नए नाम की जरुरत है और इससे ऐसा लग रहा है कि थोड़े दिन में पार्टियों और सरकारों को नाम की कमी पड़ जाएगी।
यह भी दिख रहा है कि पार्टियों के नेताओं और सरकारों के प्रबंधकों को महिलाओं के नकद पैसे देने वाली योजनाओं का नाम खोजने के लिए कितनी क्रिएटिविटी दिखानी पड़ रही है।
इस सूची में सबसे ताजा नाम दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का है। दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीतने पर महिलाओं को ढाई हजार रुपए महीना देने का वादा किया है।
इस योजना का नाम उसने ‘प्यारी दीदी’ योजना दिया है। इससे पहले झारखंड के चुनाव में भाजपा ने ‘गोगो दीदी योजना’ के तहत 21 सौ रुपए देने का वादा करके चुनाव लड़ा था।
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भाजपा की ‘गोगो दीदी योजना’ राज्य की हेमंत सोरेन सरकार की ‘मइया सम्मान योजना’ का जवाब थी तो दिल्ली कांग्रेस की ‘प्यारी दीदी योजना’ अरविंद केजरीवाल सरकार की ‘महिला सम्मान योजना’ का जवाब है।
इसकी शुरुआत असम में कांग्रेस ने की थी। उसने इस योजना को ‘गृह लक्ष्मी योजना’ का नाम दिया था। इसी नाम पर कांग्रेस ने बाद में कर्नाटक का विधानसभा चुनाव भी लड़ा।
असम में योजना काम नहीं कर सकी, जबकि कर्नाटक में कामयाब हो गई। असम में कांग्रेस की योजना के बाद मध्य प्रदेश में तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने ‘लाड़ली बहना योजना’ की शुरुआत की।
इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भाजपा ने ‘महतारी वंदन योजना’ का वादा करके चुनाव लड़ा और उधर महाराष्ट्र में ‘माझी लाड़की बहिन योजना’ के नाम पर चुनाव लड़ा।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तीनों जगह उसे बड़ी कामयाबी मिली। राज्यों में इसकी सफलता को देखते हुए बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने ‘माई बहिन मान योजना’ की घोषणा की है।
सभी पार्टियां और सरकारें लड़की, बहन, मां और महिला के पर्यायवाची खोजने में लगी हैं ताकि योजना को कोई अलग और अनोखा नाम दिया जा सके।